रायपुर। गरियाबंद जिले के ग्राम सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी गंभीर रूप ले चुकी है। इसको लेकर राज्य शासन की ओर से कारण व उपाय जानने के लिए दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। जिसके पहले दिन 14 जनवरी 2020 को दिल्ली से पहुॅचे विख्यात नेफ्रोलाॅजिस्ट डाॅ. विजय खेर व डाॅ. विवेकानंद झा रायपुर एयरपोर्ट पहुॅंचे। स्वास्थ्य सचिव सचिव निहारिका बारिक व संचालक स्वास्थ नीरज बंसोड़ के साथ वे हेलीकाॅप्टर से सुपेबेड़ा के लिए रवाना हुए। जब सरकारी महकमा पहुँचा, तो सुपेबेड़ा में बडी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। डाॅ. झा व डाॅ. खेर द्वारा मरीजों को किडनी की बीमारी से बचाव के उपाय बताये साथ ही वहाॅ मौजूद मरीजों का परीक्षण व उपचार भी किया। इस दौरान सुपेबेड़ा में एम्स के डायरेक्टर डाॅ. नितिन नागरकर भी मौजूद रहें। 13 व 14 जनवरी 2020 को सुपेबेड़ा में एम्स के डाॅ. विनय राठौर व रामकृष्ण केयर के डाॅ. प्रभाष चैधरी द्वारा सुपेबेड़ा के किडनी के मरीजों की जाॅच व परीक्षण भी किया गया है। सुपेबेड़ा में राज्य नोड़ल अधिकारी डाॅ. कमलेश जैन भी उपस्थित थे।
मौजूद रहे कलेक्टर, सीईओ व सीएमएचओ
सुपेबेड़ा में आयोजित हेल्थ कैंप में गरियाबंद कलेक्टर श्याम धावडे, गरियाबंद जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय कुमार लंगेह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. नेतराम नवरतन भी पूरे समय मौजूद थे।
राज्य शासन के प्रयासों की हुई सराहना
डाॅ. विजय खेर व डाॅ. विवेकानंद झा ने राज्य शासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। दोनों डाॅक्टरों ने एक स्वर में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार सुपेबेड़ा की समस्या को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और राज्य शासन के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आने भी तय है।
लगातार लगाये जा रहें शिविर
सुपेबेड़ा में एम्स, जिला स्वास्थ्य महकमा व अन्य निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा लगातार हेल्थ कैंप का अयोजन किया जा रहा है। जिससे मरीजो की पहचान, बीमारी का उपचार व बीमारी का कारण पता चल सके। साथ ही मरीजों को सहीं समय पर उपचार मिल सके।