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भुवनेश्वर। ओडिशा में 29 अक्टूबर 1999 को हुए विनाशकारी सुपर चक्रवात को अब 24 साल हो गया है. इस दिन को प्राकृतिक आपदा तैयारी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. 1999 में सुपर चक्रवात ने 250 किमी/घंटा से अधिक की हवा की गति के साथ ओडिशा को छुआ था और 260 किमी प्रति घंटे की उच्चतम हवा की गति के साथ एरसामा और बालिकुदा के बीच पारादीप के पास भूस्खलन किया. इसमें आधिकारिक तौर पर 9,843 लोग मारे गए थे. Read More – Kartik Maas 2023 : आज से शुरू हुआ पवित्र कार्तिक महीना, पुरी में जुटे हजारों श्रद्धालु
तूफान के कारण तीव्र बारिश भी हुई और 14 तटीय जिले, भुवनेश्वर और कटक सहित 28 तटीय शहर प्रभावित हुए थे. 3.3 मिलियन बच्चों, 5 मिलियन महिलाओं और लगभग 3.5 मिलियन बुजुर्गों सहित कम से कम 13 मिलियन लोग प्रभावित हुए. पशुधन की मृत्यु संख्या 3 लाख से अधिक थी. 16 लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए, 23,000 घर बह गए, 7 लाख घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और 8 लाख घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.
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प्राकृतिक आपदा तैयारी दिवस पर ओएसडीएमए ने कलिंग स्टेडियम में मिनी मैराथन का आयोजन किया है. इस कार्यक्रम में 500 से अधिक बच्चों ने भाग लिया. इस मैराथन ने 29 अक्टूबर 1999 को आए तीव्र तूफान के प्रभाव से आपदाओं से निपटने के लिए तैयारियों और चेतावनी का संदेश साझा किया. इस साल की थीम सशक्त ‘समूह सुरक्षित ओडिशा’ है.
कार्यक्रम में मंत्री तुषार कांति बेहरा ने बताया कि आपदा की जानकारी प्राप्त करने के बाद आपदा के दौरान, आपदा के बाद क्या करना है, इसके बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए. क्योंकि जागरूकता ही सुरक्षा है, खासकर आपदाओं के दौरान. यदि हम अपना 100 प्रतिशत दे सकें तो हम आपदा के दौरान समय रहते लड़ सकते हैं. इस दौरान भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में मंत्री तुसार कांति बेहरा, स्पेशल रिलीफ कमिश्नर सत्यब्रत साहू समेत ओएसडीएमए और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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