न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में एक के बाद एक अधीक्षकों की पोल खुल रही है। ताजा मामला आदिवासी महाविद्यालय कन्या छात्रावास का आया है, जहां पेपर चलने के बावजदू भी छात्राओं को बाहर निकालकर अधीक्षिका ने हॉस्टल के गेट में ताला लगा दिया। शिकायत मिलने पर प्रभारी कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अधीक्षिका को सस्पेंड कर दिया है। एक दिन पहले अमदरी की अधीक्षका को सहायक आयुक्त ने निलंबित किया था।
दरअसल, आदिवासी महाविद्यालय कन्या छात्रावास की छात्राओं ने फोन पर जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त से छात्रावास अधीक्षिका की शिकायत की थी। छात्राओं बताया था कि अधीक्षिका छात्रावास में निवास नहीं करती। साथ ही मैन्यु अनुसार उन्हें भोजन नहीं मिलता, कई बार नाश्ता भी नहीं दिया जाता है। कॉलेज परिसर में हॉस्टल होने के बाद भी खिड़कियों में पर्दा नहीं लगाया गया है। इतना ही छात्राओं ने हॉस्टल के कम्प्यूटर को घर ले जाने और सीसीई चालू होने के बाद भी उनको हॉस्टल से बाहर निकालकर गेट में ताला लगाने की शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं छात्राओं की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सहायक आयुक्त ने छात्रावास पहुंचकर जांच की। इस दौरान शिकायत सही पाई गई। जिससे सहायक आयुक्त ने प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों को भेजा।
वहीं प्रभारी कलेक्टर सरोधन सिंह ने प्रभारी छात्रावास अधीक्षिका हेमवती पोर्ते को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-09 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अधीक्षिका का निलंबन अवधि के दौरान मुख्यालय जैतहरी रहेगा। इस दौरान उनको नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
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