सतीश चांडक, सुकमा। जिले में अध्यनरत आश्रम, छात्रावास व पोटाकेबिनो में अध्यनरत बच्चों के मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है। बीते एक सप्ताह के भीतर यह तीसरी मौत हुई है। इस बार अधीक्षिका की लापरवाही के कारण समय पर इलाज नहीं मिल पाया और आदिवासी छात्रा पूजा की मौत हो गई। पिछले दो दिनों से वह दस्त से पीड़ित लग रही थी। इलाज के लिए सुकमा लाया जा रहा था। रास्ते मे ही छात्रा ने दम तोड़ दिया।
कल रात करीब 9 बजे कन्या आश्रम गोन्दपल्ली की छात्रा पूजा पोड़ियामी उम्र 10 वर्ष कक्षा पांचवी की छात्रा की तबियत अचानक खराब हुई। रात में चार-पांच बार दस्त हुआ। तो अधीक्षिका हेमलता मरकाम अपने घर गादीरास ले गई। सुबह चार-पांच बार दस्त गई तो वो डाक्टर के पास करीब 7 बजे ले गई। स्थिति खराब देखकर डाक्टर एसके देवांगन के साथ जिला अस्पताल लाया जा रहा था। रास्ते में दम तोड़ दी। जहां जिला अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
छात्रा पूजा पोड़ियामी नक्सल प्रभावित कोन्ड्रे के पदामीपारा निवासी थी। उसके परिजनों को मौत के बाद सूचित किया गया। सीधे छात्रा के शव को घर भेज दिया गया। और छात्रा का पीएम भी नहीं कराया गया।
डाक्टर के पास ले जाने के बजाय घर ले गई
अधीक्षिका हेमलता मरकाम की लापरवाही साफ तौर पर देखी गई। जब पूजा की तबियत रात करीब 8 बजे खराब हुई थी। उसे लगातार दस्त लग रही थी। तो उसे डाक्टर के पास ले जाने के बजाय वो अपने घर ले गई। वहा रात में और दस्त लगा। जब सुबह पूजा ने और दस्त की तो वो डाक्टर के पास ले गई। जब तक उसकी तबियत और खराब हो चुकी थी। ज्ञात हो कि जब इस मौसम में बच्चे लगातार बीमार हो रहे है। उसके बावजूद इस तरह की लापरवाही बरतना उचित नहीं है।
पहले हो चुकी दो मौते
इससे पहले गादीरास पोटाकेबिन का छात्र बंशी यादव की मौत भी दस्त व बुखार से हुई थी। गुरूवार को इसकी तबियल खराब हुई थी उसके बाद उसे जिला अस्पताल दिखाया गया फिर बेहतर इलाज के लिए जगदलपुर रैफर किया गया लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई। वही 24 अगस्त को केरोतोंग स्थित कन्या आश्रम की छात्रा गंगी की भी मौत दस्त से बताई जा रही है। हांलाकि बाद में पीएम में सिर पर चोटे और खून जमा होने का मामला सामने आया था। ज्ञात हो कि बीते एक सप्ताह के भीतर यह तीसरी मौत हुई है। जबकि अब किसी भी अधीक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
वायरल के चपेट में अधिकांश बच्चे
इन दिनों लगभग हर आश्रम और पोटाकेबिनो में बच्चे वायरल के चपेट में है। हर अस्पतालों में अधिकाशं बच्चे ही बीमार दिखाई देंगे। क्योकि समय पर निरीक्षण की कमी और साफ सफाई के अभाव जल्दी बच्चे चपेट में आ जाते है और समय पर इलाज नही मिलने के कारण उनकी मौत हो जाती है।
” आश्रम अधीक्षिका हेमलता मरकाम ने बताया कि सब कुछ अचानक हुआ है। निवास लेकर गई थी अगर ज्यादा खराब होता तो उसे डाक्टर के पास ले जाती। ,,
” सहायक आयुक्त रामटेके ने जानकारी देते हुए बताया कि रात में पूजा की तबियत खराब हुई थी। उसे सुबह गादीरास में भर्ती कराया गया। वहां से सुकमा लाया जा रहा था तो रास्ते मे ही बच्ची ने दम तोड़ दी। अगर किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती गई तो कार्रवाई जरूर होगी। बच्चों के मामले में किसी भी प्रकार की कोताई बर्दास्त नहीं होगी। ,,
छात्रावास खोलकर भूल गए शिक्षामंत्री- लखमा
” कोंटा विधायक कवासी लखमा ने दूरभाष पर चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षामंत्री सिर्फ दावे ही करते है। आश्रम, छात्रावास पोटाकेबिन खोलकर भूल गए है। कोई व्यवस्था नहीं है। ना तो मेडिकल सुविधा और ना ही अन्य सुविधा। लगातार हो रही बच्चों की मौत को लेकर शिक्षामंत्री से बात करूंगा। ,,