हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. एक गांव में तांत्रिक ने तंत्र-मंत्र और देवी को खुश करने के लिए ढाई साल के मासूम बच्चे की बलि दे दी. 13 दिन पहले घर के बाहर से खेलने के दौरान बच्चे का अपहरण कर लिया गया था. अगले दिन बच्चे का शव झाड़ियों में पड़ा मिला. मंगलवार को मामले में पुलिस ने आरोपी तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए पूरी घटना बताई.
पूरा मामला आगरा के थाना जगनेर का है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 15 जून को वरिगवां गांव के रामअवतार का ढाई वर्षीय बेटा अचानक गायब हो गया था. काफी देर खोजबीन के बाद बच्चे के पिता ने बच्चा गायब होने की सूचना पुलिस को दी. जांच में जुटी पुलिस व ग्रामीणों को 16 जून को गायब हुए बच्चे का शव गांव से बाहर किबाड़ नदी के बहाव क्षेत्र में पड़ा मिला था. पोस्टमार्टम में बच्चे की हत्या की बात सामने आने के बाद पुलिस हत्यारोपी तक पहुंचने के प्रयास में जुट गई. बीते मंगलवार को एसपीआरए ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि थाना जगनेर पुलिस टीम द्वारा मामला प्रकाश में आया. अभियुक्त हुकुम सिंह उर्फ भोला निवासी वरिगवां को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस पूछताछ में हुकुम सिंह ने पूरी वारदात का खुलासा करते हुए बताया कि वह देवी माता का पुजारी है. देवी उससे प्रसन्न रहती हैं और उस पर सवार हो जाती हैं. देवी को प्रसन्न करने के लिए दी बच्चे की बलि ऐसे में जो भी लोग उसके पास मदद के लिए आते हैं, देवी की कृपा से उनके काम पूरे हो जाते हैं. वह तंत्र-मंत्र से लोगों की बीमारियां भी ठीक कर देता है, लेकिन कुछ समय से उसके तंत्र-मंत्र का असर कम होने लगा था. क्योंकि देवी उससे रूठ गई थीं. देवी को प्रसन्न करने के लिए उसे बच्चे की बलि देने का निश्चय किया. हुकुम सिंह ने बताया कि उसने गांव के ही रहने वाले रामअवतार को गाड़ी में ढ़ाई साल के रितिक को ले जाते हुए देखा, जिसके बाद उसके दिमाग में आया कि यदि वह रामअवतार के बेटे की बलि दे देता है, तो देवी प्रसन्न हो जाएंगी.
इसके बाद तांत्रिक हुकुम सिंह ने रामअवतारन के बच्चे को उठा लिया. मंदिर के पास ट्यूबवेल की कोठरी में ले जाकर बच्चे की हत्या कर दी और फिर बच्चे की लाश को देवी के चरणों में अर्पित कर दिया. इसके बाद किसी को शक ने हो इसके लिए बच्चे की लाश को प्लास्टिक की बोरी में बंद कर किवाड नदी में जाकर फेंक दिया. लाश फेंकने के बाद प्लास्टिक की बोरी निकाल दी, जिससे बच्चे की लाश को जानवर खा लें और किसी को इस घटना की जानकारी न हो सके. बच्चे को उठाकर ले जाते हुए गांव के ही शेरू उर्फ प्रदीप ने देख लिया था. इसलिए तांत्रिक ने उसे भी धमकी दी थी कि अगर पुलिस को या किसी को कुछ बताया तो उसकी भी बलि चढ़ा देगा, लेकिन शेरू उर्फ प्रदीप ने पुलिस को सबकुछ बता दिया. जिसके बाद पुलिस उसके पीछे पड़ गई और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया.
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