राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में किसानों के लिए राहत भरी खबर है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में मूंग के उपार्जन की वर्चुअली शुरुआत कर दी है. अब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की फसल भी बेच सकेंगे. इसकी शुरुवात आज यानी मंगलवार, 15 जून से शुरु हो गई है. समर्थन मूल्य पर खरीदी 15 जून से शुरु होकर 90 दिनों तक चलेगी. मूंग का समर्थन मूल्य 7196 रूपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मूंग खरीदी की वर्चुअली शुरुवात करते हुए कहा है कि हमारी सरकार किसानों के पसीने की पूरी कीमत देगी. राज्य सरकार खेती को फायदे का धंधा बनाने, किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसीलिए कठिन परिश्रम से ली गई ग्रीष्मकालीन मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी की घोषणा 8 जून को की गई. युद्ध स्तर पर पंजीयन हुआ और अब खरीदी की प्रक्रिया आरंभ की जा रही है. उन्होंने कहा कि कम समय में पंजीयन और खरीद की प्रक्रिया आरंभ करने के लिए कृषि मंत्री कमल पटेल, कृषि विभाग के अधिकारी, जिलों के कलेक्टर तथा मैदानी अमला बधाई का पात्र है.
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खरीदी केन्द्रों पर बरसात के पानी से बचाव की होगी पूरी व्यवस्था
सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि बरसात में गर्मी में मूंग की खरीदी कठिन कार्य है. किसानों ने गर्मी के महीनों में परिश्रम कर मूंग का रिकार्ड उत्पादन किया है. अधिक उत्पादन के कारण दाम कम होने के फलस्वरूप समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी का निर्णय लिया गया. इस निर्णय से मूंग के दाम स्थिर हुए हैं. बरसात को देखते हुए ऐसे स्थानों पर ही खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं जहां मूंग को भीगने से बचाया जा सकेगा.
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अब तक 2 लाख 32 हजार किसानों ने कराया पंजीयन
किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने बताया कि प्रदेश में 6 लाख 82 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में मूंग लगाई गई है. अब तक 2 लाख 32 हजार किसानों ने पंजीयन करा लिया है. सर्वाधिक पंजीयन कराने वाले प्रथम पांच जिले क्रमश: होशंगाबाद, हरदा, नरसिंहपुर, सीहोर और जबलपुर हैं. प्रति क्विंटल 7,196 रुपये समर्थन मूल्य की घोषणा से किसानों को बड़ी राहत मिली है.
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आईटी सेक्टर के युवा अपना रहे है खेती
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस दौरान होशंगाबाद, हरदा और जबलपुर के मूंग उत्पादक कृषकों से बातचीत की. होशंगाबाद के संतोष कुमार रघुवंशी ने कहा कि नहर के चलने से उम्मीद से अधिक उत्पादन हुआ है. जबलपुर के बीडी अरजरिया ने कहा कि दलहन विकास की योजनाओं से किसान मालामाल हो रहे हैं. सरकार की किसान हितैषी नीतियों के परिणाम स्वरूप क्षेत्र के कई युवा जो आईटी सेक्टर में नौकरी के लिए हैदराबाद, पूना और बेंगलुरु चले गए थे. वे वापस अपने गांव आकर धान, चना, उड़द और मूंग की लाभकारी खेती को अपना रहे हैं.
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इन जिलों में होगी मूंग खरीदी
इन जिलों में होगी मूंग खरीदी ग्रीष्म कालीन मूंग का उपार्जन केवल 25 जिलों में किया जाएगा. किसान कल्याण और कृषि विकास मंत्रालय ने 7 जून के आदेश में बताया कि प्रदेश के 25 जिलों में मूंग और 12 जिलों में उड़द की फसल का उपार्जन किया जाएगा. जिन जिलों में मूंग उपार्जित की जानी है उनमें जबलपुर, कटनी, बालाघाट, सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, रीवा, इंदौर, खरगौन, बड़वानी, खंडवा, देवास, आगर मालवा, मुरैना, भिंड, गुना, सीहोर, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल और छिंदवाड़ा शामिल है. उड़द उपार्जन के लिए जबलपुर, कटनी, बालाघाट, सिवनी, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा , दमोह, आगर मालवा, छिंदवाड़ा, सिंगरौली और डिंडोरी ज़िला को शामिल किया गया है.
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