नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को अबार्शन पर बड़ा फैसला (Big decision on abortion) सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 हफ्ते की प्रेग्नेंट नाबालिग रेप पीड़िता (30 weeks pregnant minor rape victim)को अबार्शन की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने 14 साल की रेप पीड़िता को राहत देते हुए उन्हें 30 हफ्ते का गर्भ गिराने की इजाजत दी है। कोर्ट ने कहा कि गर्भ का चिकित्सीय समापन कराने की अनुमति रेप का मामला देखते हुए दी है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की बेंच ने आदेश में कहा कि मेडिकल बोर्ड कि रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रेग्नेंसी से जान को खतरा हो सकता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए अदालत हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करती है।
बता दें कि नाबालिग की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें प्रेग्नेंसी को खत्म करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि प्रेग्नेंसी को काफी समय हो गया है, इसलिए इसे नष्ट नहीं किया जा सकता. इसके बाद इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई, जिस पर आज फैसला आया है।
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