Voter Revision: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को अब कुछ ही महीने शेष रह गए हैं. ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश में जोरों-शोर से मतदाता पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है. विपक्ष इसके पीछे गरीबों का वोट काटने की साजिश बताते हुए लगातार चुनाव आयोग और सरकार पर हमलावर है. इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट में मतदाता पुनरीक्ष को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट आयोग के इस कदम पर बड़ी टिप्पणी की है.

वो डॉक्यूमेंट मेरे पास भी नहीं- SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, वोटर लिस्ट रिवीजन जारी रहेगा। संवैधानिक संस्था के काम पर रोक नहीं। हालांकि कोर्ट ने पुनरीक्षण प्रक्रिया में आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड को शामिल करने का सुझाव दिया है। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि, साल 2003 में जो SIR में कराया था उसमें 3 डॉक्यूमेंट थे. आज हम 11 डॉक्यूमेंट ले रहें हैं, जिसपर मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस धूलिया ने कहा कि, “जो 11 डॉक्यूमेंट आप मांग रहे हैं वो डॉक्यूमेंट मेरे पास भी नहीं है, आप 1 महीने में फॉर्म भरने के लिए लोगों को बोल रहे है.”

4.53 करोड़ से अधिक फॉर्म जमा

सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी चुनाव आयोग और विपक्ष जो इसका विरोध कर रहा था, दोनों के फेवर में दिख रहा है. सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद वोटर लिस्ट रिवीजन का काम जारी रहेगा, जिसे विपक्ष रोकने की मांग करते हुए कोर्ट पहुंचा था.

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के तहत बिहार में 4.53 करोड़ से अधिक एन्यूमरेशन फॉर्म एकत्र किए गए हैं. कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 57.48% ने केवल 15 दिनों में अपना फॉर्म जमा किया. मतदाता पुनरीक्षण का कार्य अभी भी 16 दिन होना है.

विपक्ष की मांगों का भी रखा ध्यान

वहीं, दूसरी ओर मतदाता पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष का सबसे बड़ा आरोप यह था कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया में आधार कार्ड और राशन कार्ड को व्यक्ति का पहचान पत्र नहीं मान रही है. ऐसे में करीब 8 करोड़ लोग अपनी नागरिकता नहीं सिद्ध कर पाएंगे और वह चुनाव में मतदान नहीं कर सकेंगे.

आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह सुझाव दिया की वे 11 दस्तावेजों में आधार, ईसीआईसी और राशन कार्ड को शामिल करे. ऐसे में यह विपक्ष के लिए राहत की खबर है कि कोर्ट ने उनकी भी मांगो का ध्यान रखा है. फिलहाल अब इस मामले में अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी.

ये भी पढ़ें- बिहार में बदलाव की आहट! चुनाव से पहले जदयू को तगड़ा झटका, पूर्व विधायक समेत कई नेता RJD में शामिल