नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्कूलों और शिक्षा संस्थानों को छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड यानी नैपकिन मुहैया कराने का आदेश दिया है. सभी राज्य सरकारों को छात्राओं की सुरक्षा और स्वच्छता का इंतजाम करना होगा. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदी वाला की पीठ ने जया ठाकुर की इस जनहित याचिका पर कहा कि सभी राज्य मेंसुरल पीरियड्स के दौरान स्वच्छता को लेकर अपनी योजना बताएं.
चीफ जस्टिस की बेंच ने सभी सरकारों से छात्राओं के लिए मासिक धर्म के दौरान सुविधा और सेहत स्वच्छता के लिए बनाई गई योजनाओं पर खर्च होने वाले धन का भी ब्योरा मांगा है. यानी राज्य सरकारें बताएं कि उनकी योजना क्या है और वो उन पर केंद्र की राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना का कोष खर्च रहे हैं या अपने राजस्व से. इस कवायद का दशक से ज्यादा बीत चुका है. अब हिसाब दें कि मासिक धर्म के दौरान छात्राओं की सुविधा और सेहत को लेकर उन्होंने क्या, कहां, कितना और कैसे धन खर्च किया है?
कक्षा 6 से 12वीं तक की छात्राओं मुफ्त मिलेगा Sanitary Pad
देश भर के स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक में पढ़ने वाली छात्राओं को मुफ्त Sanitary Pad मुहैया कराने का निर्देश देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में यूनिफार्म पॉलिसी बनाने के निर्देश दे दिए हैं. CJI चंद्रचूड़, जस्टिस नरसिम्हा और जस्टिस पारदीवाला बेंच ने कहा कि इस गंभीर मसले पर आवश्यक है कि केंद्र सरकार राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी शामिल करे.
सुप्रीम कोर्ट ने बताया महत्वपूर्ण
याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में यूनिफॉर्म पॉलिसी बनाने के लिए भी निर्देश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी इसमें शामिल करने के लिए कहा. सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि केंद्र युवा और किशोर लड़कियों के लिए पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई को लेकर प्रतिबद्ध है.
याचिकाकर्ता ने यह उठाई थी मांग
याचिकाकर्ता जया ठाकुर ने कहा कि गरीब लड़कियों को पीरियड्स के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और छठवीं से 12वीं तक की सभी छात्राओं को मुफ्त में सैनेटरी पैड्स उपलब्ध कराए जाने की मांग की थी. याचिकाकर्ता जया ठाकुर मध्य प्रदेश की कांग्रेसी नेता हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि यह लड़कियां अक्सर हाइजीन मेंटेन नहीं कर पातीं. साथ ही इस पर केंद्र और राज्यों से जरूरी निर्देश देने की भी गुहार लगाई गई है.