नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दरअसल उनके खिलाफ एक याचिका डाली गई थी, जिसमे उनपर राजस्थान के अलवर में 2018 में एक चुनाव प्रचार के दौरान आपत्तिजनक भाषण देने का आरोप लगाया गया था. इसी को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी है.

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करने को इच्छुक नहीं है. बेंच ने कहा कि इस तरह के मुकदमे केवल पेज 1 (समाचार पत्रों के) के लिए हैं, इसे खारिज किया जाता है. याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने उसकी याचिका खारिज कर दी थी और उस पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया था.

बता दें कि याचिका मऊ जिले के नवल किशोर शर्मा ने दायर की थी. याचिकाकर्ता के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने 23 नवंबर 2018 को अलवर में एक चुनावी भाषण में उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी. याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत जाने से पहले भाषण के खिलाफ मऊ की जिला अदालत में परिवाद दायर किया था, जिसे खारिज कर दिया गया. उन्होंने तब इलाहबाद उच्च न्यायालय के समक्ष एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसे भी क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के आधार पर खारिज कर दिया गया था.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक अपील को खारिज कर दिया था. दरअसल 2007 में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए योगी आदित्यनाथ ने अपने खिलाफ मुकदमा चलाने से इंकार कर दिया था. इसी के विरुद्ध याचिका दायर की गई थी. तत्कालीन सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ ने बीते 24 अगस्त 2022 को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. पीठ ने कहा कि इस मामले में मंजूरी देने से इनकार करने पर चर्चा करने की आवश्यकता नहीं है.

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