सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ दायर एक याचिका को सुनने से इंकार कर दिया है. याचिकाकर्ता ने कई वेबसाइटों का उल्लेख किया, जो लोगों को अपने पैसे लगाकर किस्मत आजमाने के लिए प्रेरित करती हैं. इस याचिका में सनी लियोनी (Sunny Leone), काजल अग्रवाल, तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) और मिमी चक्रवर्ती जैसी कई प्रसिद्ध हस्तियों को भी शामिल किया गया था. याचिकाकर्ता का कहना था कि ये हस्तियां इन वेबसाइटों का प्रचार कर रही हैं, जिसके कारण प्रतिदिन हजारों निर्दोष लोग अपने पैसे खो रहे हैं.

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हैदराबाद के निवासी शेख रहीम ने साझा किया कि 2016 में उन्होंने ऑनलाइन गेम में किस्मत आजमाने के दौरान 16 लाख रुपए खो दिए थे. जब उन्होंने इस मामले की जांच की, तो उन्हें पता चला कि ऐसी वेबसाइटें प्रतिदिन लाखों करोड़ रुपए इकट्ठा कर रही हैं, जिनमें से कई विदेशी कंपनियां हैं. इस प्रकार, भारत का धन देश से बाहर चला जा रहा है.

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याचिका में उल्लेख किया गया है कि जब किसी बैंक खाते में संदिग्ध लेनदेन होता है, तो बैंकों की जिम्मेदारी होती है कि वे इसकी जांच करें. इसके पश्चात, बैंकों को ऐसे खातों पर रोक लगाने की आवश्यकता होती है, लेकिन भारत में कई बैंक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को अपने खातों का संचालन करने की अनुमति दे रहे हैं. हर घंटे इन खातों में बड़ी मात्रा में धनराशि जमा होती है, फिर भी बैंक कभी इनकी जांच नहीं करते. इसके अलावा, सरकार भी ऐसी वेबसाइटों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा रही है.

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याचिका में यह अनुरोध किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह ऐसी सभी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करे. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका का समर्थन करने के लिए खुद चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात रखी. इस दौरान, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने उनसे प्रश्न किया कि जब वह पहले गेम खेला करते थे, तो अब वह इसके खिलाफ क्यों हैं? याचिकाकर्ता ने उत्तर दिया कि उनका उद्देश्य देश के नागरिकों को इस हानिकारक लत से बचाना है.

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याचिका की फाइल का अध्ययन करते समय जजों ने देखा कि शेख रहीम ने पहले दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने बताया कि हाई कोर्ट ने इन वेबसाइटों को बंद करने के लिए आदेश देने में रुचि दिखाई थी, लेकिन बाद में याचिका को केंद्र सरकार के आईटी मंत्रालय को एक ज्ञापन के रूप में भेज दिया गया. चूंकि सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए वह अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है. इस पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि यदि ऐसा है, तो आप फिर से हाई कोर्ट जा सकते हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई नहीं करेगा.