पंजाब/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को देखकर हैरान है, जिसने पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुमेध सिंह सैनी को उनके खिलाफ लंबित मामलों और भविष्य में दर्ज किए जा सकने वाले मामलों में गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी. पंजाब के महाधिवक्ता डीएस पटवालिया ने शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि हर चीज के खिलाफ पूरी तरह से रोक और सुरक्षा थी.

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मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ ने कहा, “यह चौंकाने वाला है और हम तीनों को लगता है कि यह अभूतपूर्व है. इसके लिए सुनवाई की आवश्यकता होगी.” पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय भविष्य के उन मामलों पर रोक कैसे लगा सकता है जो दर्ज ही नहीं किए गए हैं और कहा कि यह एक अभूतपूर्व आदेश है. शीर्ष अदालत ने यह सख्त टिप्पणी तब की, जब उसे सूचित किया गया कि उच्च न्यायालय ने पंजाब के पूर्व डीजीपी को सुरक्षा प्रदान की है. वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह एक कैविएट पर पेश हो रहे हैं और यह अधिकारी पंजाब के डीजीपी थे. उन्होंने कहा, “मुझे इस अदालत से राज्य द्वारा दुर्भावनापूर्ण प्रयासों पर सुरक्षा मिली है.”

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पीठ ने कहा, “चाहे कुछ भी हो, आप यह कहते हुए आदेश पारित नहीं कर सकते कि भविष्य के मामलों में भी उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है? यह क्या है.” शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका लंबित रहेगी. उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश ने आदेश दिया था कि सैनी को उनके खिलाफ लंबित विभिन्न मामलों में 20 अप्रैल तक गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। मामला बलवंत सिंह मुल्तानी की हत्या से जुड़ा है, जो शीर्ष अदालत में लंबित है.