नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका दिया है. अदालत ने रामपुर में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को आवंटित भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगा दी. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रवि कुमार की पीठ ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा दायर उस विशेष अनुमति याचिका पर उत्तर प्रदेश राज्य को नोटिस जारी करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा रामपुर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा आवंटित चार सौ एकड़ भूमि को वापस लेने में हस्तक्षेप करने से इनकार करने को चुनौती दी गई थी. ट्रस्ट के अध्यक्ष सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान हैं.

बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था. अदालत ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदम्बा प्रसाद गुप्ता द्वारा दिए गए फैसले को सही ठहराया था. अपर जिलाधिकारी ने इसी साल 16 जनवरी को फैसला दिया था कि जौहर विश्वविद्यालय को संचालित करने वाले मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने शर्तों व नियमों का उल्लंघन किया है. 16 जनवरी 2021 को अपर जिलाधिकारी ने शर्तों का उल्लंघन करने पर यूनिवर्सिटी की 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन राज्य सरकार में निहित करने के आदेश जारी कर दिए थे.

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इस फैसेल के खिलाफ ट्रस्ट उच्च न्यायालय गया था. 6 सितंबर को उच्च न्यायालय ने ट्रस्ट की याचिका खारिज करते हुए अपर जिलाधिकारी के फैसले को सही ठहराया था. सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार नोटिस भी जारी किया है. साथ ही मामले को अगस्त में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है.