नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान की ओर से दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है. इस याचिका में फर्जी प्रमाणपत्र मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है. 

जानकारी के मुताबिक आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बीबी नागरत्न ने इसे खारिज करने का आदेश दिया है. बता दें कि मामला वर्ष 2017 का है. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान उत्तर प्रदेश की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे. चुनाव के दौरान उनके प्रतिद्वंद्वी तत्कालीन बसपा नेता नवाब काजिम अली खान ने याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि चुनाव के दौरान अब्दुल्ला आजम खान की उम्र 25 वर्ष से कम थी, लेकिन उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर चुनाव लड़ा.

इसके बाद मामला इलाहाबाद कोर्ट में चला. कोर्ट ने संबंधित प्रमाणपत्रों की जांच कराई तो मामला सही पाया गया. उनके द्वारा पेश किए गए प्रमाणपत्र फर्जी थे, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उनका निर्वाचन रद्द कर दिया था. हाईकोर्ट से मिली निराशा के बाद अब्दुल्ला आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में मामले को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को ही बरकरार रखा है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ चुनावी याचिका में नवाब काजिम अली खान ने तर्क दिया था कि निर्वाचित विधायक की वास्तविक जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 थी, न कि 30 सितंबर 1990, जिसका उन्होंने नामांकन पत्र में दावा किया गया था. चुनाव लड़ने के लिए योग्यता के तहत 25 वर्ष की आयु होनी चाहिए थी.

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