दिल्ली। देश की सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक स्टेटमेंट देते हुए कोरोना से जंग लड़ रहे मेडिकल स्टाफ को योद्धा का दर्जा दिया और सरकार को महज दो घंटे में इनकी समस्या हल करने के आदेश दिये।
दरअसल, यूनाइटेड नर्सेस एसोसिएशन की राष्ट्रीय कोविड-19 प्रबंधन प्रोटोकॉल के गठन संबंधी जनहित याचिका का निपटारा करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने ये आदेश दिया। एसोसिएशन ने कहाकि उनसे जुडे़ नर्स और स्वास्थ्यकर्मी 400 से ज्यादा निजी अस्पतालों में काम कर रहे हैं और इनमें से ज्यादातर की या तो सैलरी 50 फीसदी तक काट दी गई है या फिर उन्हें देरी से भुगतान किया गया है। सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम ने होने के चलते तकरीबन 200 नर्सें कोरोना से संक्रमित हैं, जबकि 700 से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारंटीन किया गया है।
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख होते हुए कहाकि देश का मेडिकल स्टाफ कोरोना से लड़ी जा रही लड़ाई के योद्धा हैं। इनकी किसी भी समस्या का दो घंटे के भीतर समाधान हो जाना चाहिए। इस पर सरकार की तरफ से पेश सालिसिटर जनरल ने कहाकि इनके लिए जल्द ही एक विशेष हेल्पलाइन नंबर मुहैया कराया जाएगा, जो उनकी सैलरी में कटौती, भुगतान में देरी, सुरक्षा उपकरण न मिलना या फिर किराए के मकान से जबरन खाली कराने जैसी शिकायतों को सुनेगा। इस नंबर पर शिकायत मिलते ही दो घंटे में उसका निवारण कर दिया जाएगा।