नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर रिटायर होंगे. लेकिन आखिरी दिन वे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के साथ मंच साझा करेंगे या नहीं, इस पर असमंजस बना हुआ है. वैसे आपको बता दें कि आज जिन मामलों में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही है, उसमें सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस चेलमेश्वर का नाम भी है. दरअसल उच्चतम न्यायालय में ये परिपाटी है कि अगर कोई न्यायाधीश सेवानिवृत्त होता है, तो अपने अंतिम कामकाजी दिन में वे अदालत संख्या 1 में प्रधान न्यायाधीश के साथ मंच साझा करता है.

गौरतलब है कि इस साल 12 जनवरी को न्यायमूर्ति चेलमेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रंजन गोगोई ने मीडिया से मुखातिब होकर प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप लगाए थे. न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ एक तरह से बगावत कर दी थी.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 19 मई से ग्रीष्मावकाश हो रहा है. न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने अपने सम्मान में आयोजित होने वाले विदाई कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के निमंत्रण को ठुकरा दिया.

इस बीच, न्यायमूर्ति चेलमेश्वर को 17 मई को उनके न्यायिक नजरिए के लिये शीर्ष वकीलों से प्रशंसा मिली. पूर्व विधि मंत्री शांति भूषण ने तो उनकी तुलना न्यायमूर्ति एच आर खन्ना से की. न्यायमूर्ति खन्ना आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों के निलंबन को बरकरार रखने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले में असहमति जताने वाले एकमात्र न्यायाधीश थे.

जानिए न्यायमूर्ति चेलमेश्वर की खास बातें

जस्टिस चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठ जज हैं. आन्ध्र प्रदेश के मूल निवासी जस्टिस चेलमेश्वर का बतौर जज काफी लंबा करियर रहा है. वे सुप्रीम कोर्ट से पहले गुवाहाटी और केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं.

जज के तौर पर उन्होंने अपना करियर आन्ध्र प्रदेश हाईकोर्ट से शुरू किया था. यहां वे 1997 में एडिशनल जज बने. 2007 में वो गुवाहाटी के चीफ जस्टिस बने और 2010 में केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने. अक्टूबर 2011 में वो सुप्रीम कोर्ट के जज बने.