दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के पीड़ितों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने के दौरान सरकार के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी नसीहत दे डाली है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई तल्ख टिप्पणी भी की।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली दंगों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई का निर्णय लिया है लेकिन साथ ही यह भी कहा कि कोर्ट की अपनी सीमाएं है और कोई भी कोर्ट इस तरह की घटनाओं को रोक नहीं सकता। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने याचिकाकर्ताओं से कहाकि सुप्रीम कोर्ट इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समर्थ नहीं हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि आपको समझना होगा कि हम दंगे नहीं रोक सकते। हमारी अपनी सीमाएं हैं। जब इस तरह की घटनाएं हो जाती है तब हम परिदृश्य में आते हैं। दरअसल, कई याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट से इस घटना में दखल देने की मांग कर रहे थे जिसके बाद कोर्ट ने ये टिप्पणी की।