दिल्ली। अब कोई भी शादी शुदा मर्द अपनी बीवी की इजाजत के बिना बच्चे गोद नहीं ले पाएगा। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने साफ साफ फैसला सुना दिया है।
देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि बच्चे को गोद लेने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपनी पत्नी की इजाजत लेनी होगी, बिना बीवी की सहमति और इजाजत के कोई भी बच्चा गोद नहीं ले सकेगा। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है कि विधिवत समारोह के बगैर बच्चे को गोद लेने को ‘गोद लेना’ नहीं कहा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा कि पत्नी की सहमति के बिना कोई व्यक्ति किसी बच्चे को गोद नहीं ले सकता है।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि गोद लेना तभी वैध माना जा सकता है जब हिंदू अडॉप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट 1956 की धारा 7 और 11 का पालन किया गया हो। किसी बच्चे को गोद लेने के लिए पत्नी की सहमति लेना जरूरी है। साथ ही गोद लेने के समारोह का प्रमाण भी होना चाहिए।