नई दिल्ली। न्यायपालिका में पारदर्शिता और जनता के विश्वास को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायाधीशों की संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा को अनिवार्य कर दिया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता में पूर्ण न्यायालय की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है कि “सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर संपत्ति की घोषणा को रखना अनिवार्य होगा.”

इस निर्णय के बाद सर्वोच्च न्यायालय के इक्कीस न्यायाधीशों की संपत्ति की घोषणा आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है. वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और बीस अन्य न्यायाधीशों की घोषणाएँ अपलोड की गई हैं, जिनमें वे तीन न्यायाधीश भी शामिल हैं जो निकट भविष्य में CJI बनने की कतार में हैं.

यह कदम 1 अप्रैल को CJI संजीव खन्ना की अध्यक्षता में पूर्ण न्यायालय की बैठक के बाद उठाया गया है, जहाँ सभी न्यायाधीश अपनी घोषणाएँ सार्वजनिक करने पर सहमत हुए थे. यह निर्णय न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सेवा करते समय उनके आधिकारिक परिसर से नकदी की कथित बरामदगी से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में आया है.

इससे पहले, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति का विवरण मुख्य न्यायाधीश को प्रस्तुत करना होता था, लेकिन ये विवरण गोपनीय रहते थे. न्यायाधीशों द्वारा स्वेच्छा से अपनी संपत्ति घोषित करने के कुछ पिछले उदाहरण थे. लेकिन अब इसे अनिवार्य कर दिया गया है.

संपत्ति घोषणाएँ:

संपत्ति विवरण आधिकारिक वेबसाइट पर यहाँ देखे जा सकते हैं.