भोपाल/लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुलडोजर की कार्रवाई (Bulldozer Action) को लेकर केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है। दरअसल, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ SC में याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें कहा गया था कि बदले की कार्रवाई के तहत बिना नोटिस के मकान गिराए जा रहे हैं। इस पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी साबित हो, तब भी उसकी इमारत को ढहाया नहीं जा सकता है।
मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए हिंद ने बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। जिसमें बुलडोजर कार्रवाई को गलत बताते हुए मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार को पार्टी बनाया गया है। तीनों राज्य की सरकारों पर अल्पसंख्यकों को परेशान करने का आरोप लगाया है।
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SC ने कही ये बात
इस पर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच सुनवाई कर रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, SC ने कहा कि ‘कोई आरोपी है, सिर्फ इसलिए एक घर को कैसे गिराया जा सकता है ? अगर वह दोषी है, तो भी इसे नहीं गिराया जा सकता।’ सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अगले सोमवार को आगे की सुनवाई करेगा।
अदालत ने इस बात पर दिया जोर
सोमवार को कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि वे सड़कों या अन्य सार्वजनिक जगहों पर अवैध निर्माणों का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन संपत्ति को गिराए जाने की प्रक्रिया कानून के हिसाब से होनी चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि किसी भी संपत्ति को सिर्फ इसलिए नहीं ढहाया जाता, क्योंकि वह किसी आपराधिक केस में शामिल या दोषी से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि ऐसा तब ही होता है, जब ढांचा गैर कानूनी हो। इसपर जस्टिस गवई ने कहा कि ‘तो आप इसे स्वीकार कर रहे हैं। फिर हम इसके आधार पर दिशानिर्देश जारी करेंगे। किसी के आरोपी होने पर ही उसकी संपत्ति कैसे ढहाई जा सकती है।
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‘उदयपुर के रहने वाले 60 वर्षीय खान की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि उनका घर जिला प्रशासन ने 17 अगस्त 2024 को ढहा दिया था। यह सब उदयपुर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद हुआ था, जिसमें कई वाहनों को आग लगा दी थी और निषेधाज्ञा लागू होने के बाद बाजार बंद करा दिए गए थे। ये घटना एक मुस्लिम छात्र के कथित तौर पर हिंदू सहपाठी को चाकू मारने के बाद हुई थी। इस घटना में सहपाठी की मौत हो गई थी। खान आरोपी छात्र के पिता हैं। एमपी के मोहम्मद हुसैन के भी आरोप हैं कि प्रशासन की तरफ से उनका घर और दुकान पर अवैध तरीके से बुलडोजर चला दिया गया था।
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