कुदंन कुमार/ पटना। बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर जारी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा आदेश दिया है। अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटाए गए लगभग 65 लाख नामों की पूरी सूची, नाम हटाने के कारण सहित, सार्वजनिक की जाए।

अपलोड और व्यापक प्रचार का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सूची जिलेवार रूप से संबंधित जिला निर्वाचन पदाधिकारी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड हो, ताकि कोई भी आसानी से इसे देख सके। साथ ही, इस जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार स्थानीय समाचार पत्रों, दूरदर्शन, रेडियो और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए किया जाए, जिससे हर मतदाता तक सूचना पहुंचे।

गांव-गांव पहुंचनी चाहिए जानकारी

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि हटाए गए नामों की बूथ-वार सूची राज्य के सभी पंचायत भवनों, ब्लॉक विकास कार्यालयों और पंचायत कार्यालयों में भी चस्पा की जाए। यह कदम खासतौर पर उन ग्रामीणों और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए जरूरी है, जिनके पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है।

अनुपालन रिपोर्ट और अगली सुनवाई

चुनाव आयोग को बूथ स्तर और जिला स्तर के सभी अधिकारियों से आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट लेनी होगी और इन्हें अदालत में पेश करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 22 अगस्त को तय की है और संकेत दिया है कि अगर निर्देशों का पालन नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई हो सकती है।

मामले की पृष्ठभूमि

बिहार में SIR के तहत डुप्लीकेट, मृतक और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया में वास्तविक मतदाताओं के नाम भी बड़ी संख्या में गलत तरीके से काट दिए गए हैं। चुनाव आयोग का दावा है कि प्रक्रिया पारदर्शी है और त्रुटियों के सुधार का मौका दिया जा रहा है।

फैसले को बताया लोकतंत्र की जीत

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लोकतंत्र की ऐतिहासिक जीत बताया। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग द्वारा छुपाई जा रही जानकारी अब जनता के सामने आएगी। यह फैसला उन ताकतों को करारा जवाब है जो लोकतंत्र को कमजोर करना चाहती थीं।

हेमंत सोरेन का आभार भी जताया

तेजस्वी ने आदेश में तीन अहम बिंदुओं को महत्वपूर्ण बताया—आधार कार्ड को मान्यता, 65 लाख नामों की सूची और कारणों को वेबसाइट पर डालना, और दूरदर्शन-अखबार समेत अन्य माध्यमों से प्रचार। उन्होंने विपक्षी नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन का आभार भी जताया।

मतदाताओं को गुमराह करने का काम

उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने SIR को लेकर कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की और मतदाताओं को गुमराह करने का काम किया। बीजेपी चुनाव आयोग के माध्यम से मतों की चोरी कर रही थी तेजस्वी ने कहा लेकिन बिहार की जनता एकजुट होकर इसका जवाब देगी। महागठबंधन ने ऐलान किया कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह संघर्ष हर मंच पर जारी रहेगा और किसी भी कीमत पर मतदाता अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें