नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की रामपुर सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इंकार कर दिया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में रामपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को रद्द करने की याचिका दायर की गई थी. इसके लिए आधार बनाया गया था कि उपचुनाव के दौरान कई मतदाताओं को वोट डालने से रोक दिया गया था.
रामपुर उपचुनाव को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “यह याचिका चुनाव कानून को उल्टा करने के बराबर है. आप रिट याचिका दायर करके चुनाव को कैसे चुनौती दे सकते हैं? कृपया चुनाव याचिका दायर करें.” सुनवाई कर रही पीठ में जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जेबी पर्दीवाला भी मौजूद रहे. पीठ ने कहा कि अब तो इस उपचुनाव के नतीजे भी घोषित हो चुके हैं और चुनाव याचिका के अलावा किसी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. मालूम हो कि रामपुर विधानसभा सीट उपचुनाव में बीजेपी के आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी के आसिम रजा को हरा दिया था. मालूम हो कि आजादी के बाद से पहली बार रामपुर की सीट पर बीजेपी का कमल खिला था. इससे पहले 45 सालों से आजम खान या उनके परिवार का ही इस सीट पर कब्जा रहा था.
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जानकारी के अनुसार इस उपचुनाव भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को 62.06 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. वहीं समाजवादी पार्टी के मोहम्मद असीम राजा को 36.05 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे. बता दें कि 8 दिसंबर 2022 को इस सीट पर नतीजे घोषित हुए थे. दरअसल रामपुर विधानसभा सीट पर आजम खान ने 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में जीते थे, लेकिन हेट स्पीच मामले मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद वे अयोग्य घोषित हो गए, जिसके बाद यह सीट खाली हुई थी.
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