Supreme court On Mahakumbh Stampede: महाकुंभ भगदड़ मामले को सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इंकार कर दिया है। देश के शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है। सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना (CJI Sanjiv Khanna) ने घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया। हालांकि शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया है। शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करें।

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दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई इस याचिका में महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशिष्ट दिशा-निर्देश और नियम लागू करने का अनुरोध किया गया था। याचिकाकर्ता ने कुंभ आयोजनों में एक समर्पित ‘भक्त सहायता प्रकोष्ठ’ स्थापित करने की भी मांग की थी।

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इस मामले की सुनवाई सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच कर रही थी। उत्तर प्रदेश सरकार के लिए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट में मौजूद थे। रोहतगी ने जजों को बताया कि मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाया गया है। हाई कोर्ट में भी कुछ याचिकाएं दाखिल हुई हैं। जजों ने थोड़ी देर आपस में चर्चा की. इसके बाद कहा- “घटना दुर्भाग्यपूर्ण और चिंतनीय है, लेकिन हाई कोर्ट इस पर सुनवाई कर रहा है। राज्य सरकार ने भी न्यायिक जांच आयोग बनाया है। यहां सुनवाई की ज़रूरत नहीं है।

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विकास तिवारी ने दायर की थी याचिका

यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की थी। याचिकाकर्ती ने कहा कि राज्य सरकार महाकुंभ में भगदड़ की घटना को रोकने में लापरवाह रही है। आरोप लगाया गया है कि घटना को रोकने के लिए यूपी प्रशासन की चूक, लापरवाही और विफलता थी। याचिकाकर्ता ने कुंभ आयोजनों में एक समर्पित ‘भक्त सहायता प्रकोष्ठ’ स्थापित करने की भी मांग की थी।याचिका में सभी राज्यों को भीड़ प्रबंधन को बढ़ाने के लिए नीतियां बनाने के निर्देश देने और कोर्ट से उत्तर प्रदेश सरकार के समन्वय में महाकुंभ में राज्यों से चिकित्सा सहायता दल तैनात करने के निर्देश देने की भी मांग की गई थी।

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मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में 30 की हुई थी मौत

बता दें कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या 29 जनवरी के तड़के हुई घटना में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 60 लोग घायल हो गए थे। हालांकि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है और भगदड़ की घटना का यहां आ रहे श्रद्धालुओं पर कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा। इसके बाद सरकार ने मेला क्षेत्र में भीड़ के प्रबंधन के लिए 5 बड़े उपाय अपनाए हैं, जिनमें बाहरी वाहनों के प्रवेश पर बैन से लेकर VVIP पासों को रद्द किया जाना शामिल है।

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