शशांक द्विवेदी, खजुराहो। सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो के जवारी मंदिर में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति के पुन: स्थापना करने की मांग पर सुनवाई हुई। इस दौरान SC ने याचिका खारिज कर दी। CJI ने याचिका को ‘पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन’ बताया है। चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खण्डपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की शुरुआत में ही CJI ने याचिका को ‘पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन’ करार देते हुए कहा कि “यह पूरी तरह से पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन है। “जाओ और खुद भगवान से कहो कुछ करने के लिए, अगर आप कह रहे हैं कि आप भगवान विष्णु के प्रबल भक्त हैं, तो प्रार्थना कीजिए और ध्यान लगाइए।”
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याचिकाकर्ता के वकील ने प्रतिमा की तस्वीर का हवाला देते हुए जोर दिया था कि भगवान विष्णु की प्रतिमा का सिर खंडित है और उसका प्रतिस्थापन/पुनर्निर्माण/पुनःस्थापना जरूरी है। इस पर CJI ने कहा कि खजुराहो मंदिर पुरातत्व विभाग (ASI) के अधिकार क्षेत्र में आता है। “यह पुरातात्विक धरोहर है, ASI इसकी अनुमति देगा या नहीं… इसमें कई मुद्दे हैं।
बीजेपी सरकार होने के बावजूद यह स्थिति दुखद- याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई।
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