नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा 2021 में शिरोमणि अकाली दल (SAD) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया. यह देखते हुए कि यह एक “फर्जी मामला” था.

बादल के खिलाफ FIR महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत और एक लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा करने, बाधा उत्पन्न करने, आपराधिक धमकी देने और गैर-कानूनी गतिविधियों के आरोप में दर्ज की गई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अमृतसर के ब्यास शहर में एक निजी कंपनी के खनन कार्यों में बाधा डाली थी. जिला न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने आश्चर्य जताया कि मामले में शिकायतकर्ता ने शीर्ष अदालत का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाया और केवल राज्य सरकार ने एफआईआर को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील क्यों की.

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने अगस्त 2023 के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने को लेकर पंजाब सरकार से सवाल किया. इस बात पर जोर दिया कि क्या बादल के खिलाफ आपराधिक मुकदमा शुरू करने का कोई मामला बनता है? पीठ ने राज्य सरकार के वकील से सवाल किया कि ‘इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर के तत्व कहां हैं? ये मामला निजी खनन कंपनी की शिकायत के आधार पर शुरू किया गया था.

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