लखनऊ. उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव राजेश कुमार सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है. कैदियों की सजा माफी मामले में कोर्ट ने कहा, न्यायालय के सामने झूठ बोलते हुए और सुविधानुसार अपना रुख बदलते हुए बर्दाश्त नहीं करेगा.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के 2 जजों की पीठ का कहना है कि शपथ पत्र में लिखी गई बात और उनका बयान बिल्कुल अलग है. बयान सहित शपथपत्र में दिए गए कुछ बयान झूठे प्रतीत होते हैं. राजेश कुमार सिंह ने 12 अगस्त को दलील दी थी कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के कारण राज्य में लागू आदर्श आचार संहिता के कारण एक दोषी की सजा माफी से संबंधित फाइल के निपटारे में देरी की.

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इतना ही पीठ ने फटकार लगाते हुए ये भी कहा कि कुछ अधिरकारियों को जेल जाना ही पड़ेगा, तभी सुधार आएगा. राज्य को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी. राजेश कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने अनजाने में यह कह दिया कि आदर्श आचार संहिता के कारण मुख्यमंत्री सचिवालय ने सजा माफी से संबंधित फाइलें स्वीकार नहीं कीं.