नई दिल्ली। Patanjali Misleading Advertisement Case: पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना के मामले की सुनवाई करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) को भी फटकार लगा दी। कोर्ट ने कहा कि वह पतंजलि पर अंगुली उठा रहा है, जबकि चार अंगुलियां आप पर भी उठ रही हैं। कोर्ट ने कहा कि एलोपैथी डॉक्टर (allopathy doctor) भी मंहगी और गैरजरूरी दवाओं का प्रचार करते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आईएमए को अपनी तरफ भी देखना चाहिए। एलोपैथी के डॉक्टर लोगों को गैरजरूरी और काफी महंगी दवाएं लिखते हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से भी अनैतिक तौर तरीके अपनाए जाने की शिकायत मिल रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसे भी कई सारे उत्पादों के विज्ञापन देखने को मिलते हैं, जिनके इस्तेमाल से ना केवल छोटे बच्चों पर बल्कि स्कूल जाने वाले बच्चों और वरिष्ठ नागरिको तक पर बुरा प्रभाव होता है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तो सभी राज्यों की लाइसेंसिग अथॉरिटीज को भी पार्टी बनाना चाहिए। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को भी तलब कर लिया और कहा कि अब तक आपने बीते तीन सालों में कितने भ्रामक विज्ञापन पर कार्रवाई की है।
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वहीं, आईएमए की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पटवालिया ने कहा कि एसोसिएशन इस पर गौर करेगा, जिस पर जस्टिस कोहली ने देते हुए कहा कि हम मामले को हल्के में नहीं ले सकते। इसमें छोटे बच्चे भी शामिल हैं।
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