दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस विवादित फैसले को बदल दिया है। जिसमें हाईकोर्ट ने छेड़छाड़ के आरोपी को अजीबोगरीब शर्त लगाकर जमानत दे दी थी।
दरअसल, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने छेड़छाड़ के आरोपी को जमानत देते हुए शर्त लगाई थी कि वह पीड़ित लड़की से राखी बंधवाये तब वह उसे जमानत दे देगा। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के इस विवादित फैसले को नौ महिला वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले तो हाईकोर्ट की जमकर आलोचना की और उसे नसीहत दी कि इस तरह की बातों से अदालत को बचना चाहिए। ये बेहद गलत नजीर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने न्यायिक जगत में पेश की है।
दरअसल, मध्यप्रदेश मेंं पिछले साल विक्रम बांगरी नाम के शख्स पर उसके पड़ोस में रहने वाली महिला ने घर में घुसकर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। इस मामले में उसको गिरफ्तार कर उज्जैन जेल भेज दिया। इस मामले में निचली अदालत से जमानत नहीं मिलने पर विक्रम बांगरी ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी दी। जिस पर पिछले साल जुलाई में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने विक्रम को सशर्त जमानत दे दी। जस्टिस रोहित आर्या ने आरोपी को जमानत देते हुए यह शर्त रखी कि वह कि आरोपी रक्षाबंधन पर पीड़ित के घर जाकर उससे राखी बंधवाएगा। वह पीड़िता को बहन मानते हुए उसकी रक्षा करने का वादा करेगा। इसके बाद हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी थी।