नई दिल्ली . सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सात महिला पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि ये गंभीर आरोप हैं.
शीर्ष न्यायालय ने भाजपा सांसद बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप में केस दर्ज करने की मांग को लेकर दाखिल महिला पहलवानों की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस नरसिम्हा की पीठ ने पुलिस को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने मंगलवार को इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 यानी पुलिस अफसरों की संज्ञेय मामलों की जांच करने की शक्ति के तहत पुलिस से संपर्क करने का उपाय उपलब्ध है. पीठ ने पूछा, आरोप क्या हैं?
पुलिस पर भी केस चलाया जा सकता है सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान पहलवानों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने सीआरपीसी की धारा 166 के प्रवाधानों का हवाला देते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न जैसे अपराध में मुकदमा दर्ज नहीं किए जाने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारी पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है. पीठ ने कहा कि इस बारे में हम विचार करेंगे.
याचिकाकर्ताओं की पहचान उजागर ना की जाए
जिन सात पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न आरोप लगाए हैं, उनमें से एक नाबालिग है. उन्होंने पीठ से आग्रह किया कि शिकायतकर्ता पहलवानों की पहचान को सार्वजनिक ना किया जाए. पीठ ने पहलवानों की याचिका में लगाए आरोपों की प्रकृति को देखते हुए याचिकाकर्ताओं के नामों में संशोधन करने का भी निर्देश दिया. कहा, याचिका के साथ संलग्न शिकायतों को सीलबंद लिफाफे में रखा जाना चाहिए.
पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, महिला पहलवानों में से कुछ को धमकी दी जा रही है. कुश्ती महासंघ के अधिकारी उनके घर तक पहुंचे हैं. अगर इन्हें कुछ होता है, तो पुलिस व सरकार जिम्मेदार होगी.