रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा किए जा रहे छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच पर रोक लगा दी है. प्रवर्तन निदेशालय ने 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले का दावा किया था. जस्टिस संजय किशन कौल की डबल बेंच ने सुनवाई के बाद जांच पर रोक लगाई है.

याचिकाकर्ता IAS अनिल टुटेजा, यश टुटेजा, अनवर ढेबर, करिश्मा ढेबर और सिद्धार्थ सिंघानिया की ओर से याचिका दायर की गई थी, जिस पर जस्टिस संजय किशन कौल एवं जस्टिस सुधांशु धुलिया की डिवीज़न बेंच ने आज सुनवाई करते हुए ED की कार्यवाही पर रोक लगायी है. दरअसल, “प्रेडिकेट ओफ्फेंस” के अभाव के कारण किसी भी प्रकार की विवेचना और आगे की कार्यवाही पर रोक लगाई गई है.

याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर अधिवक्ता डॉ अभिषेक मनु सिंघवी, सीनियर अधिवक्ता पुनीत बाली, गोपाल शंकर नारायण, अर्शदीप सिंह खुराना, छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल, भारत सरकार की ओर से ASG एसवी राजू ने अपना पक्ष रखा.

मंत्री शिव डहरिया ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के जांच पर रोक लगाए जाने पर कहा कि यह इस बात प्रमाण है कि जो जांच की जा रही थी, वह पक्षपातपूर्ण थी. इस बात को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया, क्योंकि उनके द्वारा ही यह प्रायोजित था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया कि भाजपा का आरोप गलत था, और हमारी सरकार अच्छा काम कर रही है. हमको न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं.

शिव डहरिया ने कहा कि ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाना इस बात का प्रमाण है कि कार्रवाई जो हुई वह पक्षपातपूर्ण थी. इस तरह का कोई घोटाला हुआ ही नहीं है. जो घोटाले हुए हैं रमन सिंह के कार्यकाल में हुए हैं. हम तो कहते रहे हैं कि ईडी रमन सिंह के कार्यकाल के दौरान घोटाले हुए हैं उनकी जांच करे. उनके यहां भी एकात छापा मारे, लेकिन उन्होंने कभी इस तरह का काम किया ही नहीं.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शराब घोटाले पर पखवाड़े भर पहले 4 जुलाई को चार्जशीट पेश किया है. 5 आरोपियों के खिलाफ रायपुर में स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में करीब 16 हजार पन्नों का चार्जशीट पेश किया था. इस मामले में ईडी ने अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, पप्पू ढिल्लन, अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी को आरोपी बनाया है.

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में पेश किए गए 16000 पन्नों के दस्तावेज.

ईडी का दावा है कि साल 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ है. जिसमें 2 हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं. एजेंसी ने बताया कि अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में एक सिंडिकेट चला रहा है, जिसे बड़े नेताओं के साथ-साथ सीनियर अफसरों का भी समर्थन हासिल है. इसमें एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया है कि छत्तीसगढ़ में बेचे जाने वाली शराब की हर बोतल पर अवैध वसूली की जा रही थी.