Supreme Court Strong Comment On ED: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी (ED) को फटकार लगाई है। देश के शीर्ष न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीतिक लड़ाई के लिए एजेंसी का इस्तेमाल न किया जाए। शीर्ष न्यायालय की यह टिप्पणी केंद्र सरकार पर इशारों-इशारों में नसीहत मानी जा रही है।
यह भी पढ़ें: पापा मेरे विधायक हैं, मैं तुम्हारा रेप करूंगा! बीजेपी MLA के बेटे ने युवती का अनगिनत बार बलात्कार किया, बेंगलुरु-लातूर और शिरडी के होटलों में बार-बार ले जाकर पीड़िता के जिस्म को नोंचता रहा
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह टिप्पणी दो मामलों की सुनवाई के दौरान की। एक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को राहत मिलने के खिलाफ ED की अपील थी। वहीं दूसरा मामला वकीलों को भेजे गए समन से जुड़ा था।
यह भी पढ़ें: FBI ने पूर्व राष्ट्रपति ओबामा को किया अरेस्ट? डोनाल्ड ट्रंप ने बराक ओबामा की गिरफ्तारी का AI वीडियो शेयर किया, पास में बैठे मुस्कुराते दिखे अमेरिकी प्रेसिडेंट, जानें इसके पीछे की मंशा
पहले मामले में, ED ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कर्नाटक सीएम की पत्नी बीएम पार्वती और कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री बायरथी सुरेश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही को रद्द कर दिया गया था। यह केस मैसूर अर्बन डिवेलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) द्वारा कथित अवैध साइट आवंटन से जुड़ा था। हाई कोर्ट ने 7 मार्च को ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए कार्यवाही खारिज कर दी थी।
यह भी पढ़ें: माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भयानक लैंडस्लाइड, कई लोग घायल, हजारों यात्री फंसे, सामने आया तबाही का Video
हालांकि सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (Bhushan Ramkrishna Gavai ) काफी नाराज हो गए। तब ईडी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील रखी और सीजेआई गवई ने उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने हमें ईडी पर कठोर टिप्पणियां करने से बचा लिया।
यह भी पढ़ें: कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी पर भड़के जेपी नड्डा, बोले- ‘तर्क में ताकत होती है, चिल्लाने की जरूरत नहीं होती, आखिर क्यों कहा ऐसा?
दरअसल ये पूरा मामला मैसुरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) में धन शोधन से जुड़ा है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने 7 मार्च को सिद्धरमैया की पत्नी बीएम पार्वती और कर्नाटक अर्बन डेवलपमेंट मिनिस्टर बायरथी सुरेश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला रद्द कर दिया था। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए यहा फैसला सुनाया, जिसे ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
यह भी पढ़ें: Parliament Monsoon Session Live: लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने भारी हंगामा; बेल के सामने आए तो भड़के स्पीकर ओम बिरला, कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित
गवई की बेंच ने मामले में सुनवाई की
मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई की बेंच ने मामले में सुनवाई के दौरान ईडी से कहा, ‘आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। राजनीतिक लड़ाई में आपका इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?’जस्टिस गवई ने आगे कहा, ‘दुर्भाग्यवश, महाराष्ट्र में मेरे ईडी के साथ कुछ ऐसे अनुभव रहे हैं। कृप्या हमें कुछ कहने के लिए मजबूर न करें, वरना हमें ईडी के बारे में कुछ बहुत कठोर कहना पड़ेगा।
यह भी पढ़ें: भूखे हजारों लोगों को खाने की जगह मिली ‘गोलियां-बम’, गाजा में भोजन के इंतजार में खड़े लोगों पर इजरायल का हमला, 67 फिलिस्तीनियों की मौत
सीजेआई गवई ने मामले को संभाला
ईडी की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद उन्होंने अपील वापस लेने की बात कही। सीजेआई गवई ने इस पर कहा हमें सिंगल जज के दृष्टिकोण में कोई त्रुटि नजर नहीं आ रही है। इसलिए हम ईडी की अपील को खारिज करते हैं। सीजेआई गवई ने कहा, ‘हमें एएसजी राजू का धन्यवाद करना चाहिए कि उन्होंने हमें कठोर टिप्पणियां करने से बचा लिया।
यह भी पढ़ें: दो सगे भाइयों ने एक ही लड़की से शादी की; एक गवर्नमेंट जॉब में, दूसरा विदेश में, भारत के इस राज्य में अभी भी है बहुपति प्रथा
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक