दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए उसे 5 अक्टूबर को कोर्टरूम में मौजूद होने को कहा है।
सर्वोच्च अदालत ने गृह मंत्रालय से भी कहा है कि वह कोर्टरूम में विजय माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित कराए। गौरतलब है कि विजय माल्या ने साल 2017 के फैसले, जिसमें उन्हें कोर्ट की अवमानना के लिए दोषी ठहराया गया था, उसकी समीक्षा के लिए याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अवमानना का दोषी ठहराया था, क्योंकि माल्या ने अपनी संपत्ति का सटीक हिसाब नहीं दिया था और पैसे अपने बच्चों को ट्रांसफर कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को 5 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होना होगा। इसके अलावा कोर्ट ने उस दिन कोर्टरूम में माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय को भी निर्देश दिया है। अब देखना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सरकार कैसे पालन कराती है।