दिल्ली में कुत्तों के काटने के कारण रेबीज संक्रमण (Rabies Infection) से एक छह वर्षीय बच्चे की मृत्यु के मामले पर देश की सर्वोच्च अदालत(Supreme Court) ने संज्ञान लिया है. उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के आधार पर कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज संक्रमण की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया.

AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को कोर्ट से लगा तगड़ा झटका, वक्फ बोर्ड केस में तय किए आरोप

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने एक अंग्रेजी दैनिक के दिल्ली संस्करण में प्रकाशित एक समाचार को ‘बहुत परेशान करने वाला और चिंताजनक’ करार दिया. पीठ ने कहा कि इस समाचार में कुछ चिंताजनक आंकड़े और तथ्य शामिल हैं, जो दर्शाते हैं कि हर दिन शहर और उसके आसपास कुत्तों के काटने की सैकड़ों घटनाएं हो रही हैं. इसके परिणामस्वरूप, रेबीज जैसी गंभीर बीमारी फैल रही है, जिससे विशेष रूप से बच्चे और बुजुर्ग प्रभावित हो रहे हैं.

अदालत द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि कई मामलों में कुत्तों के काटने के बाद समय पर रेबीज रोधी टीका न मिलने के कारण पीड़ितों की मृत्यु हो गई. जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एक बार लक्षण प्रकट होने पर रेबीज लगभग हमेशा जानलेवा होता है. उन्होंने तत्काल टीकाकरण अभियान शुरू करने और पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.

दिल्ली में जल्द लागू होगी वेयरहाउस पॉलिसी, ड्राफ्ट तैयार;  ट्रैफिक जाम, प्रदूषण से मिलेगी राहत

सुप्रीम कोर्ट के इस हस्तक्षेप के मद्देनजर, विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला देशभर में आवारा पशुओं के प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे और नगरपालिका की जिम्मेदारी के संबंध में व्यापक नीति निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. पीठ ने कहा कि वह इस समाचार पर स्वत: संज्ञान ले रही है. इसके साथ ही, उसने निर्देश दिया कि इस निर्णय को उचित आदेश के लिए भारत के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष समाचार रिपोर्ट के साथ प्रस्तुत किया जाए.

राजधानी के अलग-अलग इलाकों में लावारिस कुत्तों के हमले के मामले तेजी से बढ़े हैं. इससे परेशान लोग आए दिन दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में शिकायतें दर्ज करा रहे हैं. इस साल मई के पहले सप्ताह तक एमसीडी के पास लावारिस कुत्तों को पकड़ने की पांच हजार 600 शिकायतें पहुंच चुकी थीं. ये शिकायतें निगम के ऐप 311 और हेल्पलाइन नंबर 155305 पर दर्ज कराई गई थीं.

CM रेखा गुप्ता ने झुग्गीवासियों के लिए किया ऐलान, सरकार झुग्गी बस्तियों के लिए उचित पुनर्वास करेगी सुनिश्चित

नगर निगम कुत्तों को पकड़ने का दावा कर रहा है, लेकिन नागरिक इससे संतुष्ट नहीं हैं और नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. लोग स्थायी समाधान के लिए कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं, जिसके लिए प्रदर्शन भी हो रहे हैं. पीतमपुरा के एक आरडब्ल्यूए सदस्य प्रशांत ने बताया कि पकड़े गए कुत्तों को बंध्याकरण के बाद उसी स्थान पर छोड़ दिया जाता है, जहां से उन्हें उठाया गया था. उनका मानना है कि इस कानून में बदलाव की आवश्यकता है और आक्रामक कुत्तों को डॉग शेल्टर होम में रखा जाना चाहिए. निगम के अधिकारियों का कहना है कि लावारिस कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं. नियंत्रण कक्ष स्थापित कर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं, जिन पर आने वाली शिकायतों के आधार पर लावारिस कुत्तों को पकड़कर उनका बंध्याकरण और एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया जा रहा है.