पंजाब/नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आज अपने 15 मई 2018 के फैसले की समीक्षा की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जहां उसने पंजाब में 1988 के रोड रेज मामले में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को मात्र 1,000 रुपये के जुमार्ने पर बरी कर दिया था. रोड रेज मामले में एक पटियाला निवासी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल पीड़ित मृतक गुरनाम सिंह के परिवार की याचिका पर सुनवाई करेंगे, जिसमें उनके आदेश की समीक्षा की मांग की गई है.

पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ का दावा, बोले- मेरे पक्ष में थे 42 MLA, CM चन्नी को सिर्फ 2 विधायकों ने दिया था समर्थन

 

1988 में हुई घटना में पटियाला के शख्स की हुई थी मौत

शीर्ष अदालत ने सिद्धू को यह कहते हुए छोड़ दिया था कि उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या के कठोर आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. सिद्धू पर स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323 के तहत आरोप लगाया गया था, हालांकि उन्हें सिर्फ जुर्माना देकर छोड़ दिया गया था. शीर्ष अदालत ने पाया था कि घटना 30 साल से अधिक पुरानी है और आरोपी और पीड़ित के बीच कोई पुरानी दुश्मनी नहीं थी. अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी ने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया.

7-8 फरवरी को एक बार फिर PM नरेंद्र मोदी आएंगे पंजाब, पिछली बार सुरक्षा में चूक की वजह से लौटना पड़ा था वापस

 

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को किया था रद्द

उच्चतम न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया गया था और उन्हें 3 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. शीर्ष अदालत ने कहा कि सिद्धू को मेडिकल रिकॉर्ड सहित सभी सबूतों की जांच के बाद गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था.