नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 19 मार्च को सुनवाई करेगा. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राजनीतिक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की गुहार स्वीकार करते हुए कहा कि मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. Read More – Earthquake : मणिपुर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.9 रही तीव्रता, घरों से बाहर निकले लोग
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की ओर से CAA के लिए नियम जारी करने के बाद केरल स्थित आईयूएमएल ने नियमों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. IUML ने मांग की कि इस कानून पर रोक लगान की जरूरत है और इसके जरिए मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए. इसके अलावा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI), असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैका, असम से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक और अन्य ने भी नियमों पर रोक लगाने के लिए आवेदन दायर किए.
इसमें याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि ये कानून स्पष्ट रूप से मनमाने हैं और केवल उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर व्यक्तियों के एक वर्ग के पक्ष में अनुचित लाभ पैदा करते हैं, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत अनुमति योग्य नहीं है. याचिकाकर्ताओं ने कहा, CAA धर्म के आधार पर भेदभाव करता है, यह धर्मनिरपेक्षता की जड़ पर हमला कर रहा है, जो संविधान की मूल संरचना है.
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