आशीष तिवारी,दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने जज बीएच लोया की मौत मामले की जांच नहीं कराने का फैसला किया है । सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि उनकी मौत नैचुरल थी और इसकी जांच नहीं होगी । कोर्ट के इस फैसले को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने निराशाजनक बताया है। प्रशांत भूषण ने कहा कि याचिकाकर्ता के उद्देश्य पर सवाल उठाया गया है । इधर कांग्रेस का कहना है कि सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बी . एच . लोया की कथित रूप रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई मृत्यु की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से और सवाल उठेंगे।

(अभिषेक मनु सिंघवी का ट्विट)

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों और बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर न्यायपालिका को विवादित बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन याचिकाओं से यह एकदम स्पष्ट है कि इसका असली मकसद न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला करने का प्रयास था।