गयाजी। बिहार विधानसभा चुनाव अपने चरम पर पहुंच चुके हैं और राज्य के हर हिस्से में चुनावी गतिविधियां जोर-शोर से चल रही हैं। इसी बीच कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को गया जिले में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें पाकिस्तान की याद केवल चुनाव के समय ही आती है, जबकि काम और विकास पर चर्चा करने में वे पीछे हट जाते हैं।

नीतियों और विकास की मिसालें चाहिए

सुप्रिया ने कहा कि चुनावी मुद्दों पर भावनाओं के बजाय ठोस काम और उपलब्धियों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री को चुनौती दी कि बिहार की चुनावी सभाओं में जनता से वोट मांगते समय भावनात्मक मुद्दों को भुनाने के बजाय अपने किए गए काम और उपलब्धियों को सामने रखें। उनका मानना है कि जनता अब सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी या राष्ट्रीय भावना से प्रभावित नहीं होती, बल्कि उन्हें ठोस और वास्तविक नीतियों और विकास की मिसालें चाहिए।

मोदी सरकार पर सवाल उठाए

सुप्रिया ने अंतरराष्ट्रीय मामलों को लेकर भी मोदी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का उदाहरण देते हुए कहा कि ट्रंप अब तक 61 बार सीजफायर की बात कर चुके हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने कभी नहीं कहा कि ट्रंप की पहल से किसी तरह की मदद मिली। सुप्रिया का तर्क था कि यह साफ दर्शाता है कि मोदी अंतरराष्ट्रीय मामलों में बोलने से बचते हैं और केवल घरेलू राजनीति में ही अपने बयान देने में सक्रिय रहते हैं।

नीतियों को लेकर भी कड़ी आलोचना की

कांग्रेस प्रवक्ता ने राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जबकि बिहार में उद्योग लगाने के लिए जमीन की कमी का हवाला दिया जाता है, वहीं अडानी समूह को मात्र एक रुपए में 1000 एकड़ जमीन दे दी जाती है। सुप्रिया ने इसे जनता के साथ अन्याय बताते हुए कहा कि यह स्पष्ट रूप से बिहार की डबल इंजन सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाता है। उनके अनुसार, सरकार का यह रवैया आम नागरिकों के हितों के खिलाफ है और इसे जनता कभी नहीं भुलाएगी।

पलायन की समस्या पर भी चिंता जताई

सुप्रिया ने बिहार में पलायन की समस्या पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर डबल इंजन सरकार ने वास्तव में विकास किया होता, तो आज बिहार के लोग त्योहारों के मौसम में भीड़भरी ट्रेनों में जानवरों की तरह सफर करने के लिए मजबूर नहीं होते। उन्होंने बिहार के कृषि क्षेत्र की स्थिति का उदाहरण देते हुए बताया कि एक समय था जब बिहार देश के कुल चीनी उत्पादन में 27 प्रतिशत योगदान देता था, लेकिन अब यह घटकर सिर्फ 2 प्रतिशत रह गया है। उनके अनुसार, यह गिरावट सरकार की विफल नीतियों का परिणाम है और आम जनता को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

महा गठबंधन की सरकार बनाने की अपील

सुप्रिया श्रीनेत ने अपने भाषण में बिहार की जनता से अपील की कि वे इस चुनाव में सरकार की असली उपलब्धियों और उनके कामकाज पर ध्यान दें, न कि केवल राजनीतिक और भावनात्मक नारों पर। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता अब सिर्फ दावे नहीं सुनना चाहती, बल्कि वह वास्तविक विकास, रोजगार और बेहतर जीवन के लिए ठोस कदम चाहती है। कुल मिलाकर, सुप्रिया श्रीनेत की प्रेस वार्ता ने प्रधानमंत्री और बिहार सरकार दोनों पर सवाल खड़े किए और चुनावी माहौल में कांग्रेस की सक्रियता को दर्शाया। उन्होंने भावनात्मक राजनीति से हटकर विकास और काम की राजनीति करने की आवश्यकता पर जोर दिया।