कॉमनवेल्थ गेम्स 2020(Commonwealth Games) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्य आरोपी सुरेश कलमाड़ी(Suresh Kalmadi) और अन्य को राहत मिली है. 14 साल पुराने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउज अवेन्यू कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद कोर्ट ने आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए मामले को समाप्त कर दिया. इस मामले में आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी और महासचिव ललित भानोत सहित कई अन्य लोग आरोपी थे.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान कॉमनवेल्थ घोटाले का मामला काफी चर्चा में रहा. इस संदर्भ में कई आरोप-प्रत्यारोप हुए, जिसमें सीबीआई ने यह दावा किया कि स्विस कंपनी को अनुचित तरीके से ठेका देने के कारण लगभग 90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसके परिणामस्वरूप, 24 अप्रैल 2022 को कलमाड़ी को गिरफ्तार किया गया, हालांकि बाद में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिल गई.
सोमवार को राउज अवेन्यू कोर्ट के विशेष जज संजीव अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान कहा कि जांच के प्रारंभ से ही अभियोजन पक्ष पीएमएलए के सेक्शन 3 के तहत आरोप साबित करने में असफल रहा है. ईडी की गहन जांच के बावजूद कोई ठोस सबूत न मिलने के कारण मामले को आगे बढ़ाना उचित नहीं है. इस स्थिति में, कोर्ट ने ईडी की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया. जज ने यह भी उल्लेख किया कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की थी, जबकि सीबीआई पहले ही अपने मामले को बंद कर चुकी है.
CM रेखा गुप्ता ने 28 सरकारी अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर और सुपरिटेंडेंट का किया तबादला
क्या था पूरा मामला?
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच CBI द्वारा दर्ज मामले के आधार पर शुरू की. CBI के अनुसार, कॉमनवेल्थ गेम्स से संबंधित दो महत्वपूर्ण कॉन्ट्रैक्ट, गेम्स वर्कफोर्स सर्विस (GWS) और गेम्स प्लानिंग, प्रोजेक्ट और रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज (GPPRMS), को आरोपियों ने जानबूझकर EKS और अर्न्स्ट एंड यंग के संघ को सौंपकर अनुचित लाभ उठाया, जिससे OC, CWG को 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. हालांकि, CBI ने जनवरी 2014 में एक क्लोजर रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि जांच के दौरान कोई ठोस सबूत नहीं मिले और FIR में लगाए गए आरोपों को साबित नहीं किया जा सका.
कांग्रेस ने माफी मांगने को कहा
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बताया कि आज ईडी ने तथाकथित कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) घोटाले में क्लोज़र रिपोर्ट पेश की है. वर्षों तक भाजपा के इकोसिस्टम ने 2G, CWG, रॉबर्ट वाड्रा और कोयला मामलों के जरिए कांग्रेस को बदनाम करने के लिए झूठ का सहारा लिया. अब सच्चाई मजबूती से सामने आई है, जबकि उनके झूठ ध्वस्त हो चुके हैं. ये मामले कभी न्याय के लिए नहीं थे, बल्कि राजनीतिक प्रताड़ना और असफलताओं से ध्यान भटकाने का एक षड्यंत्र थे. इन गढ़े हुए मामलों का पतन केवल कानूनी जीत नहीं, बल्कि भाजपा की झूठी विमर्श की राजनीति पर एक नैतिक और राजनीतिक आरोप है. सच्चाई चिल्लाती नहीं, बल्कि शांति और मजबूती के साथ प्रकट होती है. क्या अब प्रधानमंत्री देश से माफी मांगेंगे? क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता से माफी मांगेंगे?
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक