पंकज भदौरिया, दंतेवाड़ा। लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली ने मंगलवार रात को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस खबर से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. मिली जानकारी के अनुसार, ‘लोन वर्राटु’ अभियान से प्रभावित होकर सीएनएन सदस्य पांडे कवासी ने 19 फरवरी को आत्मसमर्पण की थी. समर्पित महिला कारली पुलिस लाइन शांतिकुंज में रह रही थी, लेकिन आज देर शाम पांडे कवासी ने बाथरूम में दुपट्टे के सहारे फंदे से झूलकर खुदकुशी कर ली है.
खबर से पुलिस लाइन शांतिकुंज में हड़कंप मच गया. मृतका का शव जिला अस्पताल पहुंचाया गया है. आत्मसमर्पित महिला नक्सली ने आत्महत्या क्यों की इसका ख़ुलासा नहीं हो पाया है. मामले की पुष्टि दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने की है.
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बता दें कि पुलिस के इसी अभियान में 300 से अधिक नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. पर सवाल यह भी उठता है कि अगर पांडे कवासी नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर मुख्यधारा में जुड़कर सरेंडर किया तो आखिर उसने आत्महत्या का कदम क्यों उठाया? वो भी पुलिस लाइन में जहां सैकड़ों जवान रहते हैं. खैर आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हुई है. पुलिस जांच कर रही है.
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पूरी जिम्मेदारी एसपी की-सोनी सोरी
सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘इस मौत की पूरी जिम्मेदारी दंतेवाड़ा एसपी अभषेक पल्लव की है, क्योंकि उनकी अभिरक्षा में हमारी लड़की की मौत हुई है. इसकी जबाबदारी पुलिस को ही लेनी चाहिए. ये आत्महत्या नहीं हत्या है और हम इस घटना का पुरजोर विरोध करेंगे.’
मामले की हो रही जांच- एसपी पल्लव
दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा ‘मामले की मजिस्ट्रेरियल जांच हो रही है. हम पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद कर रहे है. पांडे कवासी घर वापस नहीं जाना चाहती थी और उसे जबरन घर ले जाने गांव वाले बार-बार आ रहे थे. ये भी उसके मौत की एक वजह हो सकती है.’