Surya Gochar: सूर्य देव वृषभ राशि की यात्रा समाप्त करके 15 जून की सायं 6 बजकर 16 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश कर रहे हैं जहां ये 17 जुलाई की सुबह 05 बजकर 07 तक गोचर करेंगे उसके बाद कर्क राशि में चले जाएंगे. सूर्य का राशि परिवर्तन मानव जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव डालता है. सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा के सबसे बड़े प्राकृतिक स्रोत हैं, तो वहीं सूर्य को नवग्रहों में सबसे बड़ा माना जाता है. ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, पिता, राजनीति आदि का कारक माना जाता है.
ज्योतिष में सूर्य को तेज, मान-सम्मान और यश, उच्च पद-प्रतिष्ठा, आदि का कारक ग्रह माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य का राशि परिवर्तन एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है. कुंडली में सूर्य के मजबूत होने से उच्च पद और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. ज्योतिषविदों के मुताबिक, मेष राशि में सूर्य उच्च का और तुला राशि में नीच का माना जाता है. सूर्य का गोचर सभी 12 राशियों को पूर्ण रूप से प्रभावित करेगा, लेकिन कुछ राशि के जातकों के लिए ये ज्यादा शुभ रहेगा, तो कुछ राशि के जातकों को को सावधान व सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
सूर्य के शुभ प्रभाव से जॉब और बिजनेस में तरक्की के योग बनते हैं और लीडरशीप करने का मौका भी मिलता है. ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक सूर्य देव के मिथुन राशि में प्रवेश करने से 4 राशियों का सोया हुआ भाग्य जागने वाला है. उन्हें इस अवधि में हर क्षेत्र में तरक्की मिलेगी और घर में सुख-समृद्धि आएगी. आइए जानते हैं कि वे 4 भाग्यशाली राशियां कौन सी हैं. मेष राशि, कन्या राशि, सिंह राशि और कुंभ राशि के लिए विशेष शुभ.
सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव
सूर्य को आत्माकारक ग्रह कहा गया है. इसके प्रभाव से आत्मविश्वास बढ़ता है. पिता, अधिकारी और शासकिय मामलों में सफलता भी सूर्य के शुभ प्रभाव से मिलती है.
सूर्य का अशुभ प्रभाव असफलता देता है. जिसके कारण कामकाज में रुकावटें और परेशानियां बढ़ती हैं.
धन हानि और स्थान परिवर्तन भी सूर्य के कारण होता है. सूर्य के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी होती है.
राशि में सूर्य की स्थिति खराब होने पर यह करें उपाय
भगवान श्री विष्णु की उपासना करें. बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं.
रोज उगते सूर्य को अर्घ्य देना शुरू करें. रविवार के दिन उपवास रखे.
रोज गुढ़ या मिश्री खाकर पानी पीकर ही घर से निकलें.
जन्मदाता पिता का सम्मान करें, प्रतिदिन उनके चरण छुकर आशीर्वाद लें.
भगवान सूर्य की स्तुति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें.
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