गौरव जैन, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही. छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन तिहार का तीसरे चरण जारी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हेलीकॉप्टर आज जीपीएम जिले के चुकतीपानी गांव में उतरा. मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया और सरकारी योजनाओं का फीडबैक लिया. ग्रामीणों ने गांव में पेयजल व्यवस्था की समस्या से अवगत कराया. जिसपर मुख्यमंत्री ने चौपाल के बीच जल जीवन मिशन के काम में लापरवाही से नाराज होकर पीएचई के सब इंजीनियर को जमकर फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि काम करो या फिर सस्पेंड होने के लिए तैयार रहो.


सुशासन तिहार के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का अलग-अलग अंदाज देखने को मिला. सीएम साय ने कड़े लहजे में पीएचई के सब इंजनियर को फटकार लगाते हुए कहा कि “या तो ईमानदारी से काम करो या फिर सस्पेंड होने को तैयार रहो. ये सरकार का काम है, कोई मजाक नहीं. गेट आउट…“
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इस विशेष अभियान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अलग-अलग जिलों में बिना पूर्व सूचना के पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री साय का हेलीकॉप्टर जीपीएम जिले के चुकतीपानी गांव में उतरा है. सीएम साय के आगमन पर ग्रामीणों ने उनका पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया. आदिवासी बाहुल्य गांव, चुकतीपानी में सीएम साय ने आज चौपाल लगाई और ग्रामीणों से सरकार के विभिन्न योजनाओं का फीडबैक लिया.

सीएम विष्णुदेव साय आए, साथ सौगात लाए… सुशासन तिहार के तीसरे चरण में जीपीएम जिले के चुकतीपानी पहुंचे सीएम ने लोगों को सौगात दी है. उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा करने के बाद सीएम ने बताया कि पेयजल समस्या के निराकरण के लिए निर्देशित किए हैं, इसके अलावा अन्य परेशानियों को देखते हुए दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई है.

चुकतीपानी में मुख्यमंत्री की घोषणा :-
- मिडिल स्कूल का होगा मरम्मत
- मिडिल स्कूल ग्राउंड को मिनी स्टेडियम के रूप में किया जाएगा विकसित
बता दें कि 5 मई से ‘सुशासन तिहार’ के तीसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 31 मई तक आकस्मिक दौरे पर निकलेंगे। इस विशेष अभियान के दौरान मुख्यमंत्री किसी भी समय, किसी भी जिले या गांव में अचानक पहुंच सकते हैं. सीएम साय का दौरा पूरी तरह गोपनीय रखा गया है. स्थानीय प्रशासन से लेकर आम जनता तक, किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं होगी कि मुख्यमंत्री साय कब और कहां पहुंचेंगे.
सीएम साय किसी भी जिले में पहुंचकर आमजनों से सीधे संवाद करेंगे और ग्रामीणों से मिलकर योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे. वे समाधान शिविरों में भी शामिल होंगे और लोगों की समस्याओं को मौके पर ही सुनकर समाधान की दिशा में कार्य करेंगे.
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