रायपुर. राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जन्मदिन के दिन ईडी की कार्रवाई आपत्तिजनक है. ये भारतीय जनता पार्टी की राजनैतिक हताशा का परिणाम है. मुख्यमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर पूरे प्रदेश में हर्ष और उत्साह का वातावरण है. मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में भी हजारों की संख्या में नागरिक और कांग्रेसजन मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं देने एकत्रित होते हैं. पूरे प्रदेश में अनेकों स्थानों पर नागरिकों, कांग्रेसजनों और समर्थकों ने अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश भर में हो रहे कार्यक्रमों से उनकी लोकप्रियता का पता चलता है. इस लोकप्रियता को भारतीय जनता पार्टी को भी ज्ञान है. उसे पता है कि चुनाव के अवसर पर भूपेश बघेल के जन्मोत्सव पर होने वाले आयोजनों से प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में और सकारात्मक माहौल बनेगा. इसी से घबराकर भाजपा की केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री और कांग्रेस सरकार की छवि खराब करने के उद्देश्य से ईडी की छापेमारी कराई है.
प्रदेश में चुनावी हलचल शुरू हो गई है. राजनैतिक दलों ने अपनी चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी है. सुशील आनंद ने कहा कि विनोद वर्मा कांग्रेस के राजनैतिक प्रशिक्षणों के साथ बूथ कमेटियों का भी काम देखते हैं. उसको डिस्टर्ब करने उनके यहां छापा करवाया गया. साथ ही आशीष वर्मा, मनीष बंछोर दोनों ही मुख्यमंत्री के ओएसडी हैं. दोनों का मूल कार्य मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र पाटन में राजनैतिक गतिविधियों को संचालित करना है. पाटन में भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. अब पाटन में कांग्रेस की राजनैतिक गतिविधियों को बाधित करने के उद्देश्य से दोनों के यहां ईडी पहुंची है.
बड़ा सवाल
सुशील आनंद ने सवाल करते हुए कहा कि जब-जब प्रदेश में राजनैतिक गतिविधियां तेज होती है, या कोई राजनैतिक हलचल होती है तभी ईडी की कार्रवाई क्यों होती है?
कांग्रेस के 85 वां अधिवेशन के समय कांग्रेस नेताओं के यहां ईडी की कार्रवाई की गई. ताकि अधिवेशन को बाधित किया जाये.
यूपी, आसाम, हिमाचल और कर्नाटक चुनाव के समय भी ईडी की छापेमारी की गयी.
जब-जब अमित शाह छत्तीसगढ़ आये उसके पहले तीनों बार ही ईडी की कार्रवाई हुई. कोरबा, जगदलपुर, रायपुर तीनों जगह ही शाह के दौरे के पहले ईडी का आना मात्र संयोग है या साजिश?
आज मुख्यमंत्री के जन्मदिन के दिन ईडी उनके राजनैतिक सलाहकार, ओएसडी के यहां पहुंची है.
झूठा माहौल बनाने की साजिश- सुशील आनंद
ईडी की छापेमारी और उसकी कार्रवाईयों की टाइमिंग बता रही है कि वह भाजपा के राजनैतिक उद्देश्यों को पूरा करने चरणबद्ध तरीके से काम कर रही है. वह अपनी गतिविधियों से प्रदेश में एक सनसनी और सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का झूठा माहौल बनाने साजिश कर रही है. किसी के यहां छापेमारी करती है, उसके दो महिने बाद उसकी संपत्ति अटैचमेंट करती है. उसके दो माह बाद गिरफ्तारी करती है. उसके एक माह बाद चार्जशीट दाखिल करती है. कुल मिलाकर इनका उद्देश्य सिर्फ खबरें और सुर्खियां बनाना है. ताकि मुद्दाविहीन भाजपा की मदद की जाये. लेकिन भाजपा का नेतृत्व मुगालते में है ईडी जितनी भी साजिशें करेगी भाजपा उतनी गर्त में जायेगी. जनता जवाब 2023 के चुनाव में देगी, जब भाजपा दहाई के अंक तक भी नहीं पहुंचेगी.
सत्ता बल का दुरुपयोग- सुशील आनंद
सुशील आनंद ने कहा कि भाजपा अपने सत्ता बल का दुरुपयोग कर केंद्रीय जांच एजेंसियों को भाजपा का मोर्चा, संगठन, बना दिया है. इसीलिये भाजपा की प्रमुख अनुषांगिक संगठन ईडी मोर्चा, आईटी मोर्चा ने अपना चुनावी काम शुरू कर दिया है. कांग्रेस की राजनैतिक गतिविधियां रोकने भाजपा ईडी के साथ साजिश कर रही है. भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकप्रियता का राजनैतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पा रही है तो वह केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुरूपयोग कर कांग्रेस सरकार की छवि खराब करने का षड़यंत्र रच रही है.
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को, इन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के नान घोटाला, जिसमें गरीबों के राशन में 36,000 करोड़ का घोटाला हुआ, 6000 करोड़ के चिटफंड घोटाला की जांच के लिये अनुरोध किया. केंद्र सरकार नान और चिटफंड घोटाला की जांच ईडी से करवाने का साहस क्यों नहीं दिखा रही? क्यों इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का नाम है इसलिये भाजपा नान और चिटफंड घोटाले की जांच में घबरा रही है ? जब काल्पनिक और कूटरचित मुद्दों के आधार पर ईडी कार्रवाई कर सकती है तब ठोस साक्ष्यों के आधार पर ईडी की जांच क्यों रोका जा रही है?
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