लखनऊ। पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजी के आरोपी निलंबित आईपीएस अरविंद सेन ने एंटी करप्शन कोर्ट के सामने खुद को सरेंडर कर दिया है. पुलिस ने आईपीएस पर इनाम भी घोषित किया था. मामले में अरविंद सेन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
यूपी पुलिस ने अरविंद सेन की संपत्ति जब्त कराने के लिए न्यायालय में अर्जी डाली थी। संपत्ति को जब्त करने के लिए प्रशासन ने घर पर नोटिस लगाया था. संपत्ति के जब्त होने के डर से फरार आईपीएस ने खुद को एंटी करप्शन कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया।
मालूम हो कि पशुपालन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर इंदौर के कारोबारी मंजीत सिंह भाटिया से 10 करोड़ रुपये ठगने के आरोपी कथित पत्रकार एके राजीव, अनिल राय, आशीष राय के अलावा पशुधन विकास मंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय का संविदाकर्मी धीरज कुमार देव, रूपक राय, उमाशंकर तिवारी समेत 11 लोगों के खिलाफ 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
ठगी के इस मामले में आईपीएस अधिकारी व सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी अरविंद सेन की भी सक्रिय भूमिका पाई गई थी। उनके बैंक खातों में ठगों ने दो बार में पांच-पांच लाख रुपये जमा कराए थे जिसकी पुलिस की जांच में पुष्टि हो चुकी है.