शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायतों में वित्त अधिकार और उसके संचालन को लेकर बना संस्पेंस आज खत्म हो सकता है। सीएम शिवराज सिंह चौहान प्रशासनिक समितियों और उनके प्रधान से संवाद करेंगे। पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद ये पहली बार है, जब सीएम शिवराज प्रशासनिक समितियों से बातचीत करेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस वर्चुअल बैठक में शिवराज पंचायत की प्रशासनिक समितियों को वित्तिय अधिकार को लेकर कोई फैसला ले सकते हैं।
वित्तिय अधिकार को लेकर विवाद
पंचायत चुनाव निरस्त होने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास की तरफ से एक आदेश जारी किया गया है। जिसके के अनुसार पंचायत में वित्तीय का अधिकारी प्रशासनिक समितियों को मिलेगा जिसमें पंचायत सचिव के अलावा पूर्व सरपंच शामिल थे। पूर्व सरपंच को प्रधान पदनाम दिया गया था। लेकिन दो दिन बाद पूर्व सरपंचों से वित्तीय अधिकार वापल ले लिया गया था। उसे पंचायत सचिव और जनपद के अधिकारियों के दिया गया था।
एक तबके की नाराजगी दूर करने की कोशिश
पूर्व सरपंचों से वित्तीय अधिकारी वापस लेने के बाद इसक पूरे प्रदेशभर में विरोध हो रहा है। पूर्व सरपंचों ने इसको लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। कुछ दिन पहले वित्तीय अधिकारी को लेकर बीजेपी कार्यालय पहुंचकर पूर्व सरपंचों ने विरोध भी जताया था। बढ़ते विरोध के बीच सरकार बैकफुट पर है कयास लगाए जा रहे है कि पूर्व सरपंचों को आज मुख्यमंत्री वापस वित्तीय अधिकार दे सकते हैं। इसके जरिए सरकार की कोशिश है कि एक तबके की नाराजगी शांत की जाए क्योंकि पंचायत चुनाव टलने के कारण जो पंचायत चुनाव लड़ने चाहते थे। दावेदार वो पहले ही सरकार से नाराज हैें।
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