राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत मामले में बड़ी साजिश का अंदेशा लगाया जा रहा है. तीन साल में हुई 34 बाघों की मौत की जांच के आधार पर यह अंदेशा लगाया जा रहा है. पीएम रिपोर्ट के साथ अन्य तथ्य सामने आने बाद वन मुख्यालय इस दिशा में जांच कर रहा है कि कहीं बाघ की मौतों के लिए सौदे को नहीं हो रहे.

2021 से अब तक 34 बाघों की मौत

2021 से अब तक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 34 बाघों की मौत हुई है. वन मुख्यालय की जांच में सामने आया है कि 34 में से 10 बाघ का पोस्टमार्टम ही नहीं हुआ. कई पोस्टमार्टम की तो वीडियोग्राफी ही नहीं कराई गई, जबकि बाघों की पीएम की वीडियोग्राफी अनिवार्य है. कुछ मामलों में रिपोर्ट तक दर्ज नहीं हुई तो कुछ मौतों के साक्ष्य सुरक्षित नहीं रखे गए. 

घटनास्थलों की जांच के लिए श्वान दल और मेटल डिटेक्टर उपयोग में नहीं लाए गए. इसके चलते मौत या हत्या की स्पष्ट नहीं हो सकी और न्यायलीन प्रकरण कमजोर पड़ गए. यह बात भी सामने आई है कि शिकार वाले क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी नहीं थे. इस पूरी रिपोर्ट के आधार पर वन मुख्यालय अब वन अधिकारियों की भूमिका के संबंध में तथ्य जुटाने में लगा हुआ है.

बांधवगढ़ में 2021 में 12 बाघ की मौत
बांधवगढ़ में 2022 में 9 बाघ की मौत
बांधवगढ़ में 2023 में 13 बाघ की मौत

सबसे अधिक मौत मप्र में
पांच साल में देश में बाघों की मौत- 607
पांच साल में मप्र में बाघों की मौत- 168
पिछले सात महीने में देश में बाघों की मौत- 86
पिछले साल महीने में मप्र में बाघों की मौत- 30

वन मुख्यालय ने दिया वन अधिकारियों को नोटिस

बाघों की मौत के बाद बांधवगढ़ में तैनात वनाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में पीएम नहीं कराने का कारण पूछा गया है.

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