रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) जांच के घेरे में है। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (UP ATS) ने इन प्रमाण पत्रों की जांच को तेज कर दिया है। रायबरेली के सालोंन और छतोह ब्लॉकों में फर्जी प्रमाण पत्र मिलने के बाद अन्य जिलों में भी ऐसे मामलों का पता लगाया जा रहा है।

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इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और व्यापक स्तर पर जांच की जा रही है। यह मामला गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का उपयोग विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों में किया जा सकता है। पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए काम कर रही हैं।

यूपी के कई जिलों में चल रहा फर्जीवाड़ा

सूत्रों की मानें तो इस तरह का फर्जीवाड़ा प्रदेश के कई जिलों में चल रहा है। पीएफआई के अलावा कई एनजीओ के भी इस फर्जीवाड़े में संलिप्त होने की आशंका जताई जा रही है। बेहद शातिराना तरीके से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के बाद घुसपैठियों को दूसरे राज्यों में भेज दिया जाता है। बता दें कि बीते वर्ष जुलाई माह में एटीएस ने अवैध रूप से निवास कर रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की धरपकड़ का अभियान भी चलाया था, जिसमें 74 रोहिंग्या नागरिक पकड़े गए थे। पश्चिमी यूपी में इनकी संख्या सर्वाधिक होने का अनुमान है ।

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