रोहित कश्यप, मुंगेली. जिले के जिस स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल को कभी प्रदेश में मॉडल स्कूल के तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पेश किया था, आज उस स्कूल में प्राचार्य की कुर्सी की लड़ाई अप्रत्यक्ष रूप से जारी है. एक वो भी समय था जब प्रदेश भर में इस स्कूल की जमकर तारीफ हुई, तो वहीं जिला प्रशासन की खूब वाहवाही भी हुई. जिला प्रशासन के द्वारा इस स्कूल भवन का निर्माण स्वीकृत राशि दो करोड़ से की बजाय 5 करोड़ रुपये की लागत से सुसज्जित और ऐतिहासिक भवन बनाया गया. अब एक बार फिर वही स्कूल चर्चा का विषय बना हुआ है और इस बार चर्चा का विषय बिल्कुल उलट है.

दरअसल इस स्कूल में प्राचार्य की कुर्सी की लड़ाई चल रही है. स्कूल प्रारंभ के समय राज्य शासन की ओर से शिक्षा विभाग ने डॉ आईपी यादव को यहां का प्राचार्य नियुक्त किया. साल दो साल बाद उन्हें पर प्राचार्य की कुर्सी से हटाकर शिक्षा विभाग ने सृष्टि शर्मा को प्राचार्य नियुक्त कर दिया. यहीं से फिर प्राचार्य की कुर्सी को लेकर लड़ाई मची हुई है. डॉ आईपी यादव ने सृष्टि शर्मा के प्राचार्य बनते ही इस नियुक्ति और खुद को वहां से हटाए जाने को लेकर शिक्षा विभाग से लेकर राज्य शासन के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई. इसके अलावा उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए वहां का प्राचार्य बने रहने संबंधित आदेश दिया है. जिसके बाद से घमासान मचा हुआ है.

वहीं कांग्रेस के छात्र संगठन ने जिला अध्यक्ष मितेश चन्द्राकर के नेतृत्व में डॉ आईपी यादव को वहां का प्राचार्य ना बनाए जाने को लेकर कलेक्टर से शिकायत की है. शिकायत में कहा गया है कि उनके प्राचार्य रहते पालक से लेकर शाला विकास समिति के सदस्यों के साथ उनका तालमेल ठीक नहीं रहा है. इसके साथ ही स्कूल के स्टाफ को भी वे लेकर नहीं चलते थे.

डॉ आईपी यादव ने कहा कि, हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए वहां का प्राचार्य बने रहने संबंधित आदेश दिया है. जिसके बाद वे जल्द ही प्राचार्य के रूप में जॉइनिंग करने वाले हैं.

वहीं कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का संचालन राज्य शासन के निर्देश के अनुरूप किया जा रहा है. मिली शिकायतों की जांच कराई जा रही है. स्थिति सामान्य होते तक डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी के द्वारा वहां रोजाना मॉनिटरिंग की जाएगी.

इधर आम नागरिकों का कहना है कि, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ड्रीम प्रोजेक्ट वाले इस स्कूल को राजनीति का केंद्र नही बनाया जाना चाहिए. इसके साथ जिला प्रशासन को जल्द ही मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले का पटाक्षेप किया जाना चाहिए.