ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बकरीद को लेकर बयान सामने आया है. उन्होंने धार्मिक कारणों से किसी भी पशु की नहीं मारे जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि ‘मुसलमानों को किस के आधार पर पशु हत्या की अनुमति दी जा रही है. भारत सरकार मुसलमानों का नाम आने पर नपुंसक हो जाती है और मुसलमानों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है. मुसलमान सरकार की शह पर ही पशु हत्या और गौहत्या कर रहे हैं. अब हिन्दुओं को सोचना होगा कि वह किसको चुनकर सरकार में भेज रहे हैं. इस समय कोई भी राजनितिक पार्टी हिन्दुओं के लिए आवाज नहीं उठा रही है.’

स्वामी ने सवाल उठाते हुए कहा कि ‘ये कैसा धर्म है कि हम त्यौहार के नाम पर किसी को काट दें और यह कहते हैं कि यह हमारा धर्म है उसमें तो सबसे प्रिय वस्तु की बलि की बात थी तो यह कैसा धर्म है की एक बकरे को बाजार से लाकर बलि दे दी जाती है. धार्मिक कारणों से किसी भी पशु को नहीं मारा जाना चाहिए. आज देश में गौहत्या निरंतर जारी है और गौरक्षकों को भी कानूनी दंड दिया जा रहा है.’

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सिंदूर का राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर स्वामी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर जब आरंभ हुआ था तब हमें बहुत उत्साह हुआ था. हमें लगा था कि हमारे देश की सरकार हमारे अनुरूप ही कार्य कर रही है. लेकिन जिस तरह से यह अभियान चलाया गया और सिंदूर का जिस तरह से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा रही है हमें इन पर लज्जा आती है. जितनी खुशी हमें जब यह ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ था तब हुई थी उतनी ही लज्जा हमें इसका राजनीतिक लाभ लेने वालों से हो रही है. 3,4,5 आतंकी दूसरे देश से आकर हमारे देश के 26 लोगों को मारकर चले जाते हैं और सरकार कुछ नहीं कर पाती है. मां का दूध लजा रहा है हमने ऐसा भारत कभी नहीं देखा, जैसा आज बना दिया गया है.’