Swami Chaitanyananda Saraswati Arrest: 17 छात्राओं से यौन शोषण के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को गिरफ्तार कर लिया गया है। स्वामी चैतन्यानंद आगरा के एक होटल में छिपा था, जहां दिल्ली पुलिस ने दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस चैतन्यानंद का मेडिकल करा रही है। बता दें कि दिल्ली के वसंत कुंज स्थित निजी मैनेजमेंट संस्थान श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की छात्राओं ने चैतन्यानंद पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। स्वामी चैतन्यानंद पिछले 5 दिन से फरार था।

पुलिस के मुताबिक छात्राओं से यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी बीती रात करीब 3.30 बजे एक होटल से की गई है। वह पिछले कई दिनों से आगरा में छिपा था। फिलहाल उससे मामले में पूछताछ की जा रही है और मेडिकल कराया जा रहा है।

पुलिस आज चैतन्यानंद को दिल्ली कोर्ट में पेश करेगी। गिरफ्तारी से बचने के लिए चैतन्यानंद ने कोर्ट में जमानत याचिका भी दायर की थी। हालांकि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि चैतन्यानंद सरस्वती ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि होने का दावा किया था। इसके साथ ही स्वामी चैतन्यानंद पर बड़ी करवाई हुई थी। लगभग 8 करोड़ रुपये जो 18 खातों और 28 एफडी में जमा थे फ्रीज किए गए। ये रकम आरोपी पार्थसारथी द्वारा बनाए गए ट्रस्ट से जुड़ी थीं।

क्या है पूरा मामला

कुछ दिन पहले श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की 17 छात्राओं ने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए बताया था- चैतन्यानंद रात को जबरदस्ती उन्हें अपने बेडरूम में बुलाता था और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता था। इसके अलावा गर्ल्स हॉस्टल के कमरों में भी सीसीटीवी लगाने का आरोप सामने आया था। पुलिस ने यौन शोषण के अलावा स्वामी चैतन्यानंद पर फर्जी नंबर प्लेट का उपयोग करने और धर्म का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया था। आरोप लगने का बाद से दिल्ली पुलिस चैतन्यानंद को ढूंढ रही थी। रविवार देर रात को पुलिस ने आगरा से आरोपी चैतन्यानंद को गिरफ्तार कर लिया।

छात्राओं से अश्लील सवाल

पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि स्वामी उनसे अश्लील सवाल पूछता था, जैसे कि क्या उन्होंने किसी से शारीरिक संबंध बनाए हैं और यदि बनाए हैं तो क्या कंडोम का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा, वह रात के समय छात्राओं को वाट्सऐप पर मैसेज भेजता था, जिनमें लिखा होता था—Baby, I love youकई छात्राओं ने यह भी बताया कि उन्हें देर रात उसके निजी कक्ष में बुलाया जाता था और फॉरेन ट्रिप के लिए दबाव बनाया जाता था। एक शिकायतकर्ता का कहना है कि उसे जबरन मथुरा ले जाने की कोशिश भी की गई।

गबन और धोखाधड़ी के भी आरोप

अभियोजन पक्ष के अनुसार, चैतन्यानंद ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर AICTE की मंजूरियों सहित जाली दस्तावेज तैयार करके श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट नामक एक समानांतर ट्रस्ट की स्थापना की। कथित तौर पर लगभग 40 करोड़ रुपये की धनराशि की हेराफेरी की गई। पीठम और SIIMR के लिए निर्धारित किराया और राजस्व इस समानांतर ट्रस्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। दिल्ली के वसंत कुंज में संपत्तियों को कथित तौर पर लाभ के लिए किराए पर दिया गया था। यही नहीं, एफआईआर दर्ज होने के बाद भी बैंक से 50-55 लाख रुपये की निकासी हुई।

चैतन्यानंद सरस्वती के पास दो पासपोर्ट

दिल्ली पुलिस ने आगे आरोप लगाया कि सरस्वती के पास अलग-अलग पहचान वाले दो पासपोर्ट थे, उन्होंने पैन कार्ड की जानकारी बदली और एक लग्जरी कार के लिए फर्जी पंजीकरण दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। सरस्वती की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बर्मन ने तर्क दिया कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान को चलाने के लिए ट्रस्ट बनाना एक कानूनी आवश्यकता है। उन्होंने दावा किया कि कोई संपत्ति नहीं बेची गई है और संस्थान ट्रस्टियों के अधीन काम करते रहे हैं।

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