Avimukteshwaranand And Rahul Gandhi: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (shankaracharya avimukteshwaranand saraswati) के साथ विवाद चोली-दामन वाला है। अविमुक्तेश्वरानंद, जब भी कुछ बोलते हैं, उसपर विवाद न हो ऐसा तो असंभव है। ज्योतिर्मठ ट्रस्ट के स्वामी गोविंदानंद सरस्वती (govindananda saraswati) ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें फर्जी बाबा करार दिया था। गोविंदानंद सरस्वती ने कहा कि शंकराचार्य तो दूर की बात है, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का नाम के साथ साधु-संत या संन्यासी भी जोड़ना गलत है। उन्हें कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है और वे राहुल गाधी और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) की कठपुतली हैं। स्वामी गोविंदानंद सरस्वती के आरोप पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि “इसका फैसला कौन करेगा कि हम शंकराचार्य हैं या नहीं? मैं कभी भी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से नहीं मिला हूं फिर मैं उनकी कठपुतली कैसे हो सकता हूं।
बता दें कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती हाल ही में तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने केदारनाथ मंदिर 228 किलो के सोने का घोटाले का दावा किया था।
इस पर ज्योर्तिमठ ट्रस्ट के स्वामी श्री गोविंदानंद सरस्वती ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने उनको फर्जी बाबा करार दिया है और कहा कि शंकराचार्य तो दूर की बात है, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का नाम के साथ साधु-संत या संन्यासी भी जोड़ना गलत है. उन्हें कांग्रेस का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने शंकराचार्य को झूठा, धोखेबाज और कांग्रेस का खिलौना बताया था।
श्री गोविंदानंद सरस्वती के वार पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी पलटवार किया। फर्जी बाबा और भगोड़े अपराधी वाले आरोप पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “इसका फैसला कौन करेगा कि हम शंकराचार्य हैं या नहीं। हत्या और किडनैपिंग के आरोप पर शंकराचार्य ने कहा कि इस बात का तो प्रमाण मांगा जाना चाहिए। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने खुद पर लगे आरोपों को लेकर यह भी कहा कि आप हिंदुओं के इतने बड़े गुरु पर बड़ा आरोप लगा रहे हैं। राहुल गांधी-प्रियंका गांधी की कठपुतली होने के आरोप पर शंकराचार्य ने साफ किया कि उनकी इन दोनों ही कांग्रेस नेताओं से मुलाकात नहीं हुई है।
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने भी अविमुक्तेश्वरानंद को दी थी नसीहत
बता दें कि अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के दावे को पहले तो गोवर्धनमठ पीठ पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती (shankaracharya Nischalananda Saraswati) ने फर्जी करार दिया था। र्य निश्चलानंद सरस्वती ने केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब होने के मामले को झूठा करार देते हुए कहा कि भ्रम फैलाया जा रहा है। मंदिर में इतना सोना कभी नहीं था। कैदारनाथ मंदिर ट्रस्ट ने भी बताया दिया है कि गर्भगृह में तांबे की प्लेट पर सोने की परत चढ़ाई गई है। यह सोना भी दान में मिला था। उन्होंने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर इशारों में निसाना साधते हुए कहा कि जो बिना सोचे-समझे और बगैर तथ्यों को जाने बोल रहे हैं। उन्हें इसका सबूत भी देना चाहिए।
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